मुबई वित्तीय गड़बड़ी में संलिप्त कंपनियों पर कारवाई तेज होने के बीच आज सरकार ने कहा कि वह जल्द ही मुखौटा कंपनियों की परिभाषा जारी करेगी। कारपोरेट कार्य राज्यमंत्री पीपी चौधरी ने यह जानकारी दी। उन्होंने कहा कि पर काम कर रहे हैं।
हम मुखौटा कंपनियों की परिभाषा को जल्द ही जारी करेंगे। मतौर पर मुखौटा कंपनियां केवल कागजों में होती हैं और इनका इस्तेमाल धोखाधड़ी में किया जाता है। इसी के मद्देनजर सरकार मुखौटा कंपनियों की परिभाषा तय करने पर काम कर रही है।
कारपोरेट कार्य राज्य मंत्री के साथ चौधरी विधि एवं न्याय मंत्रालय में भी राज्य मंत्री हैं। कारपोरेट कार्य मंत्रालय, कंपनी कानून का कार्यान्वयन कर रहा है। मुखौटा कंपनियों की परिभाषा तय करते समय दूसरी कंपनियों के शेयरों में क्षमता से अधिक निवेश, अस्पष्ट मालिकाना स्थिति जैसे कारकों को ध्यान में रखा जा सकता है।