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नीलकंठ मंदिर पर हरि कथा महोत्सव का शुभारंभ
ब्यूरो संजीव शर्मा
इटावा। श्रावण मास के पावन अवसर पर शहर के प्रसिद्ध श्री नीलकंठ मंदिर पर बुधवार से श्री हरि कथा महोत्सव का विधिवत शुभारंभ हो गया। आचार्य पं. गोविंद त्रिपाठी ने भक्तों को कथा श्रवण कराते हुए कहा कि भगवान शंकर को हरि कथा बहुत ही प्रिय है। वे हरि कथा के सबसे बड़े वक्ता भी हैं और श्रोता भी। रंग वाटिका अयोध्या धाम के परम संत 1008 श्री हरि सिद्ध शरणजी महाराज के शिष्य पं. गोविंद त्रिपाठी ने प्रथम दिवस सती शिव चरित का वर्णन करते हुए कहा कि जो भी भगवान श्री हरि की प्रभुता के बारे में संदेह करता है, उसका अस्तित्व नष्ट हो जाता है, चाहे वह शिवजी की अर्धांगिनी सती जैसी दिव्य नारी ही क्यों न हो। भगवान शंकर ने बहुत समझाया, पर सतीजी ने रामजी की प्रभुता की परीक्षा ले ही ली, जिसका परिणाम क्या हुआ, हम सभी जानते हैं। भगवत गीता में भी कृष्ण कहते हैं कि “संश्यात्मा विनश्यति”। वहीं जो लोग भगवान पर अटल विश्वास करते हैं, भगवान उनकी वैसे ही रक्षा करते हैं, जैसे एक मां अपने बच्चे की। यथा, ” करहुं सदा तिन्हकी रखवारी। जिमि बालक राखहि महतारी। इससे पूर्व मंदिर में परम संत नेपाली बाबा के सेवक पं. अनिल कुमार वाजपेई के सानिध्य में नीलकंठ मंदिर समिति के अध्यक्ष राजेश वाजपेई, मंत्री राजीव कुमार मिश्र, कोषाध्यक्ष कृष्णकांत द्विवेदी, लाल दिग्दर्शन यादव सुडकू, केके अवस्थी, आनंद कुमार द्विवेदी तथा परीक्षित दंपति श्याम किशोर गुप्ता ने व्यास गद्दी का पूजन कर हरि कथा का शुभारंभ कराया।
संगीतमय कथा में धर्मेंद्र दीक्षित कैसियो तथा पप्पू जैन ढोलक पर साथ दे रहे हैं। कथा का समय अपराह्न तीन बजे से सायं सात बजे तक है।