चेन्नई। चेन्नई के एक को-ऑपरेटिव बैंक ने लोन रिपेमेंट में 1 रुपये कम लौटाने के आरोप में ग्राहक द्वारा गारंटी के तौर पर रखे 138 ग्राम सोने को कथित रूप से लौटाने से मना कर दिया है। ग्राहक ने इंसाफ पाने के लिए मद्रास हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाया है। कांचीपुरम सेंट्रल को-ऑपरेटिव बैंक के पल्लावरम ब्रांच के सदस्य सी कुमार ने एक याचिका में कहा, ‘मैं 5 वर्ष से अपने गहने पाने के लिए यहां से वहां दौड़ रहा हूं जिसकी कीमत लगभग साढ़े 3 लाख रुपए है। कोर्ट ने अब जा कर बैंक से इसे वापस लौटाने का निर्देश दिया है। केस की सुनवाई के दौरान जस्टिस टी राजा ने याचिकाकर्ता के बयान को दर्ज करवाया। कोर्ट ने सरकारी वकील को इस मामले में 2 हफ्ते के भीतर अधिकारियों से निर्देश प्राप्त करने को कहा। याचिकाकर्ता ने कहा कि उसने 6 अप्रैल, 2010 को बैंक से 1.23 लाख रुपए का लोन लिया था।
जिसके एवज में उसने बैंक को 131 ग्राम सोना गारंटी के रूप में दिया था। इसके बाद उसने 2 और भी लोन लिए जिसकी कुल रकम 1.65 लाख रुपए थी। इसके लिए उन्होंने कुल 138 ग्राम सोना गारंटी के रूप में रखा। याचिका में सी कुमार ने लिखा कि 28 मार्च, 2011 को उसने ब्याज सहित पहला लोन चुका दिया और 131 ग्राम सोना वापस ले लिया। इसके कुछ दिन बाद ही उसने बाकी के दोनों लोन भी चुका दिए लेकिन बैंक ने शेष सोने को लौटाने से यह कहकर मना कर दिया कि लिए गए दोनों लोन में 1-1 रुपए वापस करना बाकी है। याचिकाकर्ता के वकील एम सत्यन ने कहा कि बार-बार निवेदन करने पर भी बैंक न ही गहने लौटाने को तैयार हुआ और न ही उसने बकाया 1 रुपए पेमेंट लेना स्वीकार किया।