पटना।लोकतांत्रिक जनता दल के राष्ट्रीय संरक्षक एवं पूर्व केंद्रीय मंत्री शरद यादव ने कहा कि नोटबंदी और वस्तु एवं सेवाकर (जीएसटी) लागू किए जाने के बाद देश में 7-8 करोड़ लोग बेरोजगार हो गए हैं। लेकिन आश्चर्य की बात है कि केंद्र सरकार जीएसटी के एक वर्ष पूरा होने पर जश्न मना रही है। यादव ने ‘संवाददता सम्मेलन’ में कहा कि नोटबंदी और जीएसटी के लागू होने से आम लोगों के साथ-साथ किसान भी परेशान हैं। बैंकों की हालत भी खराब है। वर्ष 2014 के लोकसभा चुनाव के समय बीजेपी के प्रधानमंत्री पद के उम्मीदवार नरेंद्र मोदी ने देश के लोगों से जो वादा किया था उसे पूरा नहीं कर पाए हैं। देशभर में किसान मोदी के किए गए वादे के अनुरूप लागत मूल्य पर 50 प्रतिशत लाभ जोड़कर न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) तय करने की मांग को लेकर आंदोलन कर रहे हैं, लेकिन इसे अब तक पूरा नहीं किया गया। उन्होंने कहा कि बिहार एक कृषि प्रधान राज्य है और यहां कृषि को छोड़कर कोई भी उद्योग नहीं है। बिहार के किसानों को उनकी उपज का उचित मूल्य नहीं मिल रहा है । मक्का का घोषित एमएसपी 1425 रूपये है, जबकि बिहार में 900 रूपये एमएसपी है। इसी तरह धान का भी एमएसपी किसानों को नहीं मिल रहा है। किसानों को एमएसपी से 525 रूपये कम मिल रहा है। मूंग दाल 5775 रूपये और अरहर दाल का 5500 रूपये एमएसपी है, जबकि बिक 3400 रहा है। उन्होंने कहा कि बिहार में किसानों को उनकी लागत का उचित मूल्य नही मिल पा रहा है। यादव ने कहा कि किसानों को उनकी लागत का डेढ़ गुना दाम मिलना चाहिए। पंजाब और हरियाणा में किसानों से उनकी उपज खरीदी जा रही है, जबकि बिहार में ऐसा नहीं हो पा रहा है। बिहार के किसान अपनी उपज कम कीमत पर बेचने को मजबूर हैं । बिहार में पूरी व्यवस्था ही लुंज पुंज हो गई है। किसानों के हित में राज्य सरकार तत्काल पहल करनी चाहिए।