उत्तराखंड में हाल ही में हुए विधानसभा चुनाव के बाद अब भाजपा को अपना नया प्रदेश अध्यक्ष मिल गया है। कई दिन से चर्चाओं के बीच शनिवार को राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा ने पत्र जारी कर उनके नाम पर मुहर लगाई। महेंद्र भट्ट दो बार विधायक रह चुके हैं। उन्हें संगठन में लंबा अनुभव है। इसी को देखते हुए इस साल विधानसभा चुनाव हारने के बाद भी केंद्रीय नेतृत्व ने उन पर भरोसा जताया है।
निर्वमान प्रदेश अध्यक्ष मदन कौशिक का कार्यकाल खत्म होने से करीब तीन महीने पहले प्रदेश पार्टी संगठन में हुए इस बदलाव के कई राजनीति निहितार्थ निकाले जा रहे हैं। माना जा रहा है कि आगामी लोक सभा चुनाव को देखते हुए इस बदलाव को किया गया है।
चलिए आपको बताते हैं महेंद्र भट्ट के प्रदेश अध्यक्ष बनने तक के सफर के बारे में। महेंद्र भट्ट प्रदेश की राजनीति के अलावा कई आंदोलनों में भी सक्रिय रहे हैं। उन्होंने रामजन्मभूमि आंदोलन में भी सक्रिय भूमिका निभाई। इस दौरान वे 15 दिन पौड़ी के कांसखेत में जेल में रहे। वहीं, उत्तराखंड राज्य आंदोलन में पांच दिन पौड़ी जेल में रहे।
भट्ट ने 1991 से 1996 तक अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद में प्रदेश सह मंत्री, जिला संयोजक, जिला संगठन मंत्री, विभाग संगठन मंत्री का दायित्व संभाला। वे 1997 में भाजपा युवामोर्चा का प्रदेश सह मंत्री रहे। 1998 से 2000 में उत्तरांचल युवामोर्चा में प्रदेश महामंत्री का दायित्व संभाला। इसके बाद 2000 से 2002 में राज्य निर्माण के समय उत्तरांचल प्रदेश युवामोर्चा का प्रथम प्रदेश अध्यक्ष रहे।
2002 से 2005 तक भट्ट युवामोर्चा राष्ट्रीय कार्यसमिति के सदस्य रहे। इसके साथ ही हिमांचल एवं महाराष्ट्र युवामोर्चा के प्रदेश प्रभारी का दायित्व संभाला। 32 साल की उम्र में 2002 से 2007 तक वे उत्तराखंड की प्रथम निर्वाचन में नंदप्रयाग विधानसभा से सदस्य निर्वाचित हुए और विधानमंडल में मुख्यसचेतक का दायित्व संभाला।
वहीं, 2007 से 2010 तक प्रदेश भाजपा में विभिन्न दायित्व संभाले। वे प्रदेश मंत्री, गढ़वाल संयोजक व प्रदेश कार्यसमिति के सदस्य रहे। 2010 से 2012 तक राज्यमंत्री का दायित्व संभाला। लघु सिंचाई अनुश्रवण समिति में उपाध्यक्ष रहे।
2012 से 2014 तक वे दोबारा उत्तराखंड भाजपा के गढ़वाल प्रभारी बने। 2014 से 2017 तक दोबारा भाजपा मं प्रदेश मंत्री बने। 2016 में कांग्रेस सरकार के खिलाफ परिवर्तन यात्रा के गढ़वाल प्रभारी रहे। 2017 के विधानसभा चुनाव में बदरीनाथ विधानसभा से सदस्य निर्वाचित हुए।