विजयीपुर/फतेहपुर। एक ओर जहां मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के दिशा-निर्देशन में प्राइमरी विद्यालयों का कायाकल्प किया जा रहा है वहीं आज भी कई ऐसे विद्यालय हैं जो उपेक्षा का दंश झेल रहे हैं। विजयीपुर क्षेत्र के यमुना तटवर्ती गढ़ा गांव के बच्चों के भविष्य को संवारने के लिए स्थापित राजकीय इंटर कालेज दसईपुर गढ़ा भी बदहाली का शिकार है। जहां आधे अधूरे अध्यापक बच्चों को जमीन पर बैठाकर शिक्षा दे रहे हैं। वहीं विज्ञान प्रयोगशाला भी कबाड़ बनी हुई है।
छात्रों के भविष्य को उज्जवल बनाने के लिए शासन ने इकलौते विज्ञान वर्ग के राजकीय इंटर कॉलेज की स्थापना दसईपुर गढ़ा में कराई गई थी। जहां इस वर्ष करीब 700 छात्र शिक्षा ग्रहण कर रहे हैं लेकिन व्यवस्थाएं बद से बदतर हैं। जहां आधे अधूरे अध्यापकों के साथ बच्चों को फर्श में पट्टी डालकर बैठाया जा रहा है। बच्चों के बैठने के लिए पर्याप्त कुर्सी, मेज व कमरे नहीं हैं। विज्ञान वर्ग की कक्षाएं तो चल रही है परंतु प्रयोगशाला में रखे संयंत्र कबाड़ खाने में पड़े हैं। जीव विज्ञान, गणित, गृह विज्ञान के अध्यापक की तैनाती नहीं है। फिर भी पड़ताल में लगभग पांच सैकड़ा छात्र उपस्थित रहे परंतु अव्यवस्था हावी रही। विद्यालय की जमीन में क्षेत्र के लोगों का अवैध कब्जा भी बरकरार है। जिससे बच्चों को खेलने के लिए मैदान नहीं है। इन दिनों शासन के दिशा-निर्देशन में सरकारी संपत्तियों पर अवैध कब्जों को हटाने का अभियान युद्ध स्तर पर चल रहा है इसके बावजूद विद्यालय की भूमि पर अवैध कब्जे की ओर किसी अधिकारी की निगाह नहीं जा रही है। जिससे दबंगों के हौसले बुलंद हैं। क्षेत्र के लोगों ने मांग किया कि विद्यालय का कायाकल्प कराते हुए भूमि से अवैध कब्जों को तत्काल हटवाया जाए। जिससे छात्र-छात्राओं को खेलने के लिए मैदान उपलब्ध हो सके।
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