‘राष्ट्रपत्नी‘ शब्द पर बरपा हंगामा, प्रतिभा पाटिल के वक्त उठा मुद्दा, संविधान सभा में प्रेसिडेंट

 

 

कांग्रेस सांसद अधीर रंजन चौधरी ने बुधवार को राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू को राष्ट्रपत्नी बोल दिया, जिसके बाद से घमासान मचा हुआ है। भाजपा की महिला सांसदों ने सदन में हंगामा किया। उन्होंने अधीर रंजन के बयान के लिए कांग्रेस को जिम्मेदार ठहराया और सोनिया गांधी से माफी मांगने को कहा। अधीर रंजन के विवादित बयान ने एक पुरानी बहस को जन्म दे दिया है कि आखिर हिंदी में एक महिला राष्ट्रपति को कैसे संबोधित किया जाए। लोगों के मन में सवाल उठ रहा है कि जब राष्ट्रपत्नी कहना गलत तो फिर राष्ट्रपति कहना सही कैसे?

बिहार के वीर कुंवर सिंह विश्वविद्यालय में भाषा और साहित्य के प्रोफेसर आर. पी. सिंह ने बताया, हमारे यहां कुलपति, लखपति, करोड़पति, अरबपति, अधिपति, जनाधिपति, सभापति, सेनापति और राष्ट्रपति जैसे तमाम शब्द हैं, जो महिला और पुरुष दोनों के लिए इस्तेमाल होते हैं। बस इन शब्दों के आगे एडजेक्टिव लगाने मात्र से जेंडर क्लियर हो जाता है कि पद पर महिला है या पुरुष। जैसे- हमारे राष्ट्रपति, हमारी राष्ट्रपति या फिर देश की राष्ट्रपति लिखना काफी है। राष्ट्रपति में पति शब्द का अर्थ अथॉरिटी से है, न कि किसी महिला के हसबैंड से। इसलिए राष्ट्रपत्नी संबोधित करना किसी भी सूरत में सही नहीं है। ऐसे में अधीर रंजन का राष्ट्रपत्नी कहना गलत है और एक सर्वोच्च पद के लिए निर्वाचित महिला का अपमान है।

बनारस हिंदू विश्वविद्यालय के भाषा विज्ञान विभाग और राष्ट्रमंडल अकादमिक फेलो डाॅ. अभिनव कुमार मिश्रा के मुताबिक, संविधान में राष्ट्रपति और उपराष्ट्रपति का कॉन्सेप्ट अमेरिका के प्रेसिडेंट की तर्ज पर लिया गया है। भारतीय संविधान अंग्रेजी में लिखा है और उसमें राष्ट्र प्रमुख के लिए ‘प्रेसिडेंट’ शब्द का इस्तेमाल किया गया है। अंग्रेजी शब्द प्रेसिडेंट का अर्थ- अध्यक्ष, प्रधान या मुखिया होता है, पति तो कतई नहीं होता है। भारतीय भाषाओं में पति और अध्यक्ष दो भिन्नार्थी शब्द हैं, दोनों का अर्थ अलग-अलग है।

राष्ट्रपति और राष्ट्रपत्नी से कर रहे अपमान
डाॅ. अभिनव कुमार मिश्रा कहते हैं कि अगर शब्द के अर्थ पर जाएं तो राष्ट्रपति कहकर आप देश भर की महिलाओं का अपमान कर रहे हैं और राष्ट्रपत्नी कहकर देश के सर्वोच्च पद के लिए निर्वाचित महिला का अपमान करते हैं। यह सही वक्त है और जरूरी भी है कि देश के सर्वोच्च पद के लिए राष्ट्रपति की जगह राष्ट्रप्रधान या राष्ट्राध्यक्ष जैसे किसी और शब्द पर विचार किया जाना चाहिए। संविधान में संशोधन होते रहे हैं, इसके लिए भी किया जाना चाहिए।

राष्ट्रपति ही क्यों?
आर. पी सिंह बताते हैं कि हमारे यहां पति शब्द को जोड़कर नए शब्द इजाद करने की परंपरा रही है। इसलिए राष्ट्र प्रमुख को राष्ट्रपति कहा जाने लगा। हालांकि, इस शब्द को लेकर जब 2007 पहली महिला राष्ट्रपति यानी प्रतिभा पाटिल ने पद संभाला तब भी चर्चा हुई थी, लेकिन तब किसी ने इस तरह की टिप्पणी नहीं की थी। जब मीरा कुमार लोकसभा अध्यक्ष बनीं, तब भी चर्चा हुई कि उन्हें लोकसभा अध्यक्ष कहा जाए या फिर लोकसभा अध्यक्षिका। हालांकि, कोई परिवर्तन नहीं हुआ था।

साल 1947 से जारी है बहस
जुलाई, 1947 की बात है। संविधान सभा की बहस के दौरान राष्ट्रपति शब्द को नेता या कप्तान करने के लिए संशोधन की मांग की गई, लेकिन अंत में देश के सर्वोच्च पद के लिए राष्ट्रपति शब्द ही जारी रखने का फैसला किया गया। साल 1948 में एक बार बहस हुई, जब डाॅ. भीम राव अंबेडकर ने संविधान के मसौदे में इस्तेमाल किए गए शब्दों का कई भाषाओं में अर्थ स्पष्ट किया गया। अंग्रेजी मसौदे में जहां प्रेसिडेंट शब्द का प्रस्ताव था। वहीं हिंदी के मसौदे में प्रधान शब्द और उर्दू के मसौदे में सरदार शब्द का इस्तेमाल किया गया, राष्ट्रपति शब्द का नहीं। बिहार से संविधान सभा के सदस्य के टी शाह ने भारत के राष्ट्रपति की जगह मुख्य कार्यकारी राज्य प्रमुख शब्द इस्तेमाल करने का सुझाव दिया, जिसका समिति के अन्य सदस्यों ने विरोध किया।

शब्द का स्त्रीलिंग करने की कोशिश थी
लेखिका ममता कालिया कहती हैं कि राष्ट्रपति एक पद का नाम है, जो महिला और पुरुष दोनों के लिए है। अधीर रंजन चैधरी बंगाली हैं। उन्होंने राष्ट्रपति शब्द का स्त्रीलिंग कर दिया, जिससे उसका अर्थ बदल गया। हमारे यहां ऐसे ढेर सारे शब्द हैं, जो गलत बोले और लिखे जाते हैं, जिनका अर्थ भी अलग हो जाता है, लेकिन उन पर बवाल नहीं होता तो फिर इस मुद्दे को इतना क्यों तूल दिया जा रहा है। साउथ वाले हिंदी को अपनी भाषा नहीं मानते, अगर आप बेहद शुद्ध हिंदी बोलने की उम्मीद रखेंगे तो फिर लोग हिंदी बोलना ही छोड़ देंगे।

महिला आयोग दे चुका नोटिस, FIR भी दर्ज
राष्ट्रपति मुर्मू के लिए अशोभनीय शब्द का उपयोग करने पर राष्ट्रीय महिला आयोग भी अधीर को नोटिस भेज चुका है। आयोग ने अधीर रंजन से 3 अगस्त सुबह साढ़े 11 बजे तक जवाब मांगा है। इसी मामले में मध्य प्रदेश के डिंडोरी में भी एक भाजपा कार्यकर्ता की शिकायत पर अधीर रंजन पर मामला दर्ज किया गया है।
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