बुजुर्ग ने पत्नी-बेटी समेत खुद पर केरोसिन डालकर लगाई आग

 

 

छिंदवाड़ा में कर्ज से तंग परिवार ने खुद को आग लगा ली। इसमें बुजुर्ग दंपती की मौत हो गई, जबकि बेटा और बेटी झुलस गए। बेटी को गंभीर हालत में नागपुर रेफर किया गया है। जांच में सामने आया है कि परिवार आर्थिक तंगी से परेशान था। परिवार ने सूदखोरों और रिश्तेदारों से कर्ज लेकर पुणे की चिटफंड कंपनी में पैसा लगाया था। जहां से पैसा वापस नहीं मिल रहा था। जबकि देनदार लगातार पैसे के लिए दबाव बना रहे थे।

मामला बालाजी नगर इलाके का है। जहां विनोद पाठक (72) पत्नी कंचन पाठक (60), बेटे प्रतीक पाठक (28) और बेटी अपर्णा पाठक (22) के साथ रहते थे। शनिवार तड़के करीब 5 बजे विनोद पाठक ने पत्नी, बेटी पर केरोसिन डालकर खुद को आग लगा ली। आग लगते ही कमरे से चिल्लाने की आवाजें आने लगीं।

शोर सुनकर दूसरे कमरे में सो रहा बेटा प्रतीक जागा। उसने पिता के कमरे में जाकर देखा तो तीनों आग की लपटों से घिरे थे। उसने तुरंत पड़ोसियों को बुलाया। आग बुझाने में प्रतीक भी झुलस गया। तीनों को गंभीर हालत में अस्पताल ले जाया गया, जहां विनोद पाठक और उनकी पत्नी की मौत हो गई, जबकि बेटी अपर्णा बुरी तरह झुलस गई। जिसकी भी मौत हो गई।

चिटफंड कंपनी में लगाया था पैसा

जानकारी के मुताबिक प्रतीक पाठक ने पुणे की किसी कम्प्यूटर संबंधी चिटफंड कंपनी में पैसे दोगुने करने के नाम पर पैसा लगा रखा था। इससे परिवार पर भारी कर्ज हो गया था। हालांकि अभी तक ये साफ नहीं हो पाया है कि उन पर कितना कर्ज है। उन्होंने सूदखोर और रिश्तेदारों से भी ब्याज पर पैसा ले रखा था।

मकान बेचकर किराए से रहने लगे

विनोद पाठक पहले एयरफोर्स में थे। बाद में उनकी नौकरी सेंट्रल बैंक में लग गई। यहां से रिटायर होने के बाद छिंदवाड़ा में शिफ्ट हो गए। करीब दो साल पहले बेटा चिटफंड कंपनी के चंगुल में फंस गया। जिसके बाद उन्होंने शंकर नगर का अपना मकान 65 लाख रुपए में बेच दिया। इसके अलावा पता चला है कि उनका चार एकड़ का खेत भी बिक गया। उन्होंने रिश्तेदारों से भी कर्ज ले रखा था। बावजूद समस्या खत्म नहीं हुई।

फिलहाल वह बालाजी नगर में 5500 रुपए प्रतिमाह के किराए पर मकान लेकर रह रहे थे। अपर्णा भोपाल में BHMS की छात्रा है। वह एक हफ्ते पहले ही घर आई थी।

केरोसिन का खाली डिब्बा मिला

सूचना पर पुलिस मौके पर पहुंची। यहां देखा, तो कमरे में सामान बिखरा पड़ा था। वहीं, केरोसिन का खाली डिब्बा भी मिला है। मकान मालिक संगम राय ने बताया कि पाठक परिवार मकान बेचकर पिछले कुछ महीनों से यहां रहने आया था। आज अलसुबह 4 बजे परिवार के पड़ोस में रहने वाले परिवार की आवाज सुनकर हम जागे और घटना का पता चला।

कुंडीपुरा टीआई राकेश भारती का कहना है कि प्राथमिक जांच में घटना की वजह आर्थिक तंगी सामने आ रही है। फिलहाल मामले की जांच की जा रही है।

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