बारिश के मौसम में अंकुरित अनाज खाना खतरनाक, फूड पॉइजनिंग, डायरिया संभव, किडनी हो सकती है बीमार

 

 

अंकुरित अनाज वैसे तो सेहत के लिए फायदेमंद है। रोजाना स्प्राउट्स खाने से सेहत और खूबसूरती दोनों को निखार मिलता है। लेकिन बारिश के मौसम में स्प्राउट्स सेहत बिगाड़ सकता है। इन दिनों कच्चा अंकुरित अनाज खाना यानी बीमारियों को न्योता देना है। डाइटीशियन डॉ. सिमरन सैनी से जानते हैं मानसून में स्प्राउट्स से परहेज क्यों करना चाहिए।

फायदेमंद चीज, हर वक्त फायदा नहीं पहुंचाती

डॉ. सिमरन कहती हैं कि सेहत के लिए फायदेमंद अंकुरित आहार में विटामिन ए, बी, सी, डी, के और क्लोरोफिल भरपूर मात्रा में पाया जाता है, जो कैल्शियम, फास्फोरस, पोटेशियम, मैग्नीशियम, आयरन जैसे मिनरल और सॉल्ट का बेहतर स्रोत है। लेकिन यह जरूरी नहीं कि हर फायदेमंद चीज, हर वक्त एक सा फायदा पहुंचाए।

फूड पॉइजनिंग का खतरा

डॉ. सिमरन के अनुसार, स्प्राउट्स के चाहे कितने ही फायदे हों, ले‍किन बरसात के दिनों में इनका सेवन नुकसानदेह हो सकता है। दरअसल बरसात के दिनों में फूड पॉइजनिंग और पेट खराब होने की समस्या सबसे ज्यादा होती है। पानी और फूड में मौजूद बैक्टीरिया इन्फेक्शन फैलाते हैं, जिससे पेट खराब होता है। उल्टी और दस्त जैसी परेशानी बढ़ जाती है जो खतरनाक है।

  • स्प्राउट्स देर तक भिगोए जाते हैं और उससे भी ज्यादा देर तक इनमें नमी बनी रहती है। ऐसे में इनमें खतरनाक बैक्टीरिया होने का खतरा बढ़ जाता है।
  • स्प्राउट्स में फाइबर की मात्रा डायरिया जैसी समस्या का कारण भी बन सकती है जिससे शरीर में पानी और पोषक तत्वों की कमी हो सकती है।
  • मानसून में स्प्राउट्स खाना चाहते हैं, तो इसे इन्हें अच्छी तरह उबाल कर ताजा रहते ही खाएं, ताकि कोई नुकसान हो।
  • स्प्राउट्स खाने से फूड पॉइजनिंग होती है, पेट में मरोड़, उल्टी, डायरिया जैसे लक्षण 12 से 72 घंटे के बीच नजर आ सकते हैं।
  • स्‍प्राउट्स में विटामिन और खनिज की भरमार होती है, जो इन्हें न्यूट्रिशन का पावर हाउस बनाते हैं। यह कैलोरी में कम, प्रोटीन, फोलेट, मैग्नीशियम, फास्फोरस, मैंगनीज और विटामिन सी और के से भरपूर होते हैं।
  • स्‍प्राउट्स को खाने से पाचन में सुधार, ब्लड शुगर लेवल कंट्रोल करने में मदद मिलती है। हालांकि, कच्चे स्प्राउट्स खाने को अक्सर फूड पॉइजनिंग के मामलों से जोड़ा जाता है।

कच्चे स्प्राउट्स से फूड पॉइजनिंग

कच्चे स्प्राउट्स में ज्यादातर ई-कोलाई और साल्मोनेला जैसे हानिकारक बैक्टीरिया होने के कारण फूड पॉइजनिंग का खतरा रहता है। बींस और सीड्स ज्यादातर गर्म और नम स्थितियों में अंकुरित होते हैं, जो ऐसे बैक्टीरिया के विकास के लिए एकदम सही है। ज्यादातर लोगों में स्प्राउट्स खाने के बाद दस्त, पेट में ऐंठन और उल्टी जैसे फूड पॉइजनिंग के लक्षण हो सकते हैं।

पाचने में मुश्किल

डॉ. सिमरन कहती हैं कि पके हुए स्‍प्राउट्स की तुलना में कच्चे स्प्राउट्स ​​​​​​​पचाने में मुश्किल होते हैं। शरीर बीज और फलियों के सभी पोषक तत्वों को कच्चा नहीं डाइजेस्ट कर सकता। स्प्राउट्स को थोड़ा पकाने से पोषक तत्व शरीर में आसानी से समा जाते हैं।

किडनी से जुड़ी बीमारियां

ज्यादा मात्रा में कच्चा स्प्राउट्स खाने से इसमें मौजूद लिस्टीरिया नामक बैक्टीरिया किडनी पर बुरा असर डाल सकता है।

स्प्राउट्स खाने का सही तरीका

पैन में थोड़ा सा तेल डालें और स्प्राउट्स डालकर​​​​​​ थोड़ी देर के लिए भूनें या फिर नमक के पानी में 5-10 मिनट तक उबालें। इस तरह पका कर खाने से पाचन तंत्र और पोषक तत्वों के अवशोषण के लिए और भी बेहतर है।

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