ई-रिक्शा चालकों के आगे यातायात विभाग फेल – ट्रैफिक नियमों से अंजान चालक मनमानी जगह रोककर बिठाते सवारी – बिन लाइट के रिक्शे, रात में राहगीरो के लिए बनते काल

फतेहपुर। प्रदूषण मुक्त वाहन व ईंधन की बढ़ती कीमतों से राहत दिलाने के नाम पर लोकप्रिय होने वाला ई-रिक्शा अब आम लोगो के लिए ही मुसीबत बन रहा है। कभी जाम की वजह से तो कभी चालकों की मनमानी की वजह से दुर्घटना की वजह बन रहा है। बिना किसी निर्धारित रुट के सड़कों पर फर्राटा भरने वाले ई रिक्शा के अधिकांश चालक जहां यातायात नियमों के प्रति अंजान हैं वहीं बिना वैध दस्तावेजों व नाबालिग चालक भी वाहन से फर्राटा भरते हुए दिखाई दे जाएंगे। बिना किसी रोक टोक या फिर यातायात विभाग के कृपा पर चलने वाले ई रिक्शा व उनके चालकों के आगे ट्रैफिक नियम व सरकारी कानून बौने साबित हो रहे हैं। निरंकुश चालक सड़कों पर फुल स्पीड से वाहन दौड़ाते हुए कहीं पर भी सवारी नज़र आते ही अचानक पीछे छलने वाले वाहनों को नज़र अंदाज़ कर अचानक ब्रेक मारकर सवारी को बिठाते हैं। इस आपाधापी में अक्सर पीछे चलने वाले दो पहिया वाहन चालक व साइकिल सवार पीछे से टकराकर दुर्घटना का शिकार हो जाते हैं। कई बार तो रिक्शा चालक व टकराने वालो के मध्य तू तू मैं मैं से लेकर मारपीट तक की भी नौबत आ जाती है। ई-रिक्शा चालकों के मनमाने रवैये को लेकर आम आदमी हलकान होता है। बिना किसी निर्धारित रुट के ई-रिक्शा के संचालन को लेकर ट्रैफिक पुलिस भी अक्सर सवालों के घेरे में रहती है। रुट का निर्धारण न होने के कारण किसी भी मांर्ग पर एक बारगी ही ई-रिक्शा की भरमार हो जाती है जिससे यातायात व्यवस्था संभाले ट्रैफिक पुलिस के जवान भी असहाय दिखाई देने लगते है। नतीजा लोगों को भीषण जाम की स्थिति से दो चार होना पड़ता है।
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दो पहिया वाहनों की चेकिंग तक सिमटी यातायात पुलिस
फतेहपुर। शहर के लगभग सभी व्यवस्तम मार्गों व चौराहों पर यातायात पुलिस की तैनाती तो की गई है लेकिन ई रिक्शा चालकों के जमावड़े व लगने वाले जाम की समस्या से खुद को अलग कर यातायात कर्मी दो पहिया वाहनों की चेकिंग में ही व्यस्त रहते हैं। जिससे ई-रिक्शा चालकों की मनमानी दिनो-दिन बढ़ती जा रही है।
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पूर्व में ई-रिक्शा चालकों को दिलाया गया था प्रशिक्षण
फतेहपुर। ई-रिक्शा चालकों को यातायात नियमों से परिचित कराने व अन्य नियमों व कायदे की जानकारी के लिए पूर्व में तत्कालीन पुलिस अधीक्षक की पहल पर परिवहन विभाग की ओर से शांतीनगर स्थित फायर स्टेशन परिसर में एक दिवसीय प्रशिक्षण दिलाया गया था। जिसमें तत्कालीन सहायक परिवहन आयुक्त, सीओ सिटी समेत संभागीय परिवहन विभाग के अफसरों व पुलिस व यातायात विभाग के कर्मियों ने ई-रिक्शा चालकों को सड़कों पर सुरक्षित तरीके से वाहन चलाने की बारीकियों से परिचित कराया था।
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नए चालकों को प्रशिक्षित किये जाने की ज़रूरत
फतेहपुर। ई-रिक्शा चला रहे अधिकांश चालक या तो ग्रामीण क्षेत्र के निवासी हैं या फिर किसी अन्य पृष्ठभूमि से संबंध रखने वाले हैं। किसी के पास मंहगाई की मार तो कोई बेरोज़गारी के चलते पेट की आग बुझाने की खातिर रिक्शा चलाने की बात स्वीकारता है। ऐसे में सड़कों पर यात्रियों को बिठाने-उतारने से लेकर अन्य बारीकियों से अंजान हैं। जिन्हें लाइसेंस देने की प्रक्रिया से पहले यातायात नियमों की जानकारी से प्रशिक्षित किया जाना बेहद ज़रूरी है।

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