बेटे का शव कंधे पर रख पैदल निकल पड़ा पिता, अस्पताल में नहीं मिली एंबुलेंस, सैनिकों ने की मदद 

 

 

प्रयागराज में अपने बेटे का शव कंधे पर लेकर जाते हुए एक पिता का वीडियो सामने आया है। 15 किलोमीटर पैदल चलने के बाद सेना के जवानों ने गाड़ी उपलब्ध कराई और घर भेजा। करछना तहसील के रहने वाले बजरंगी का 12 साल का बेटा शुभम करंट लगने से झुलस गया था।

शुभम का इलाज स्वरूपरानी नेहरू यानी SRN अस्पताल में चल रहा था। मौत के बाद पिता ने बेटे का शव ले जाने के लिए एंबुलेंस मांगी, लेकिन अस्पताल से घर तक शव ले जाने के लिए उसे एंबुलेंस नहीं मिली।

सड़क पर चल रहे लोगों ने बनाया वीडियो
इलाज में सारा पैसा खत्म होने की वजह से बजरंगी बेटे का शव कंधे पर रखकर घर ले जाने लगा। इसके बावजूद अस्पताल के कर्मचारियों और डॉक्टरों का दिल नहीं पसीजा। सड़क पर चल रहे लोग वीडियो बनाते रहे, पर मदद करने कोई आगे नहीं आया।

बजरंगी शव लेकर 15 किलोमीटर तक पैदल चल चुका था। तभी नैनी के काफी आगे सेना के कुछ जवानों ने उसे देखा, तो गाड़ी उपलब्ध कराई। वीडियो सामने आने पर कमिश्नर ने CMO काे जांच करने के निर्देश दिए हैं।

करंट से झुलस गया था शुभम
करछना तहसील के सेमरहा डीह गांव में बजरंगी यादव रहते हैं। बजरंगी का 12 साल का बेटा शुभम गांव में ही मंदिर की तरफ गया था। वहां उसे करंट लग गया। इससे वह बुरी तरह झुलस गया था। मंगलवार रात उसे इलाज के लिए SRN में भर्ती कराया गया। इलाज के दौरान शुभम की मौत हो गई। इसके बाद शव पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया गया।

पोस्टमार्टम होने के बाद बजरंगी अपने बेटे का शव गांव लेकर जाना चाहता था। मगर, उसके पास पैसे नहीं बचे थे। उसने अस्पताल के कर्मचारियों और डॉक्टरों से कहा, “बेटे का शव घर ले जाने के लिए कोई गाड़ी या एंबुलेंस दिला दीजिए।”

बजरंगी ने कुछ एंबुलेंस वालों से खुद बात की, तो सभी किराया मांगने लगे। इसके बाद बजरंगी को कोई रास्ता नहीं दिख रहा था। बेटे का शव घर ले जाना भी मजबूरी थी। आखिर में उसने शव को कंधे पर रख लिया और पैदल ही गांव की तरफ चल दिया।

कमिश्नर बोले- मामले की जांच कराएंगे
इस घटना का वीडियो सामने आने पर कमिश्नर विजय विश्वास पंत ने कहा, “इसमें उच्चस्तरीय जांच कराएंगे। जो भी दोषी होगा, उसके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी। शासन स्तर से जो भी पीड़ित परिवार को राहत मिल सकती है, दिलाई जाएगी।”

मामले में CMO डॉ. नानक सरन ने बताया, “DM से मुझे पता चला है। यह गंभीर मामला है। पूरे मामले की जांच के लिए हमने टीमें बनाई हैं। जो भी दोषी होगा, उसके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी।”

एंबुलेंस के नोडल बोले- मुझे कुछ नहीं पता
एंबुलेंस के नोडल और डिप्टी CMO डॉ. जयकिशन सोनकर को इस मामले की जानकारी ही नहीं है। दैनिक भास्कर के सवाल पर उन्होंने कहा कि इस बारे में उन्हें कुछ नहीं पता है। अस्पताल प्रशासन की जिम्मेदारी है कि वह शव को अस्पताल से घर भेजे।”

SDM मेजा की अध्यक्षता में कमेटी करेगी जांच
SDM मेजा की अध्यक्षता में जांच कमेटी बना दी गई है। कल यानी 4 अगस्त तक जांच रिपोर्ट DM को देनी है। वहीं मोतीलाल नेहरू मेडिकल कॉलेज के प्राचार्य डॉ. एसपी सिंह ने अपनी रिपोर्ट DM को दे दी है। प्राचार्य ने लिखा है कि 1 से 3 अगस्त के बीच में करंट से जलने का कोई मरीज हमारे अस्पताल में भर्ती ही नहीं हुआ।

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