कहते हैं ना कि जिंदगी और मौत भगवान के हाथ में है. धरती पर डॉक्टर्स भगवान का ही रूप माने जाते हैं. उन्हें भगवान कहा जाता है क्यूंकि वो गंभीर बीमारी से ग्रस्त लोगों को भी कई बार इलाज के जरिये ठीक कर देते हैं. लेकिन धरती का ये भगवान भी असल में इंसान ही है. ऐसे में उससे भी गलतियां हो जाती है. ऐसी ही एक गलती हुई मेक्सिको (Mexico) में रहने वाले डॉक्टर्स के साथ. उन्होंने अपने पास इलाज के लिए आई एक बच्ची को मृत घोषित कर दिया था. लेकिन अपने अंतिम संस्कार में ही बच्ची जाग गई.
ये मामला 17 अगस्त का है. मेक्सिको में रहने वाली तीन साल की कैमिलिया रोक्साना के पेट में इन्फेक्शन हो गया था. इसके बाद डॉक्टर्स ने उसे इलाज के बाद मृत घोषित कर दिया था. लेकिन मृत घोषित किये जाने के बारह घंटे बाद चमत्कार हुआ. जब कैमिलिया का अंतिम संस्कार किया जा रहा था, तभी उसकी मां को ऐसा लगा कि उसकी बेटी जाग गई है. लेकिन लोगों ने इसे ग़लतफ़हमी बताकर ताबूत खोलने नहीं दिया. लेकिन आखिरकार ये बात सच साबित हुई. बच्ची ताबूत में उठकर बैठ गई.
मृत घोषित किये जाने के बारह घंटे बाद फिर से जिन्दा हुई बच्ची को लोग चमत्कार मान रहे हैं. कई के मुताबिक़, उसे दूसरा जीवन मिला है. ये घटना मेक्सिको के सैन लुइस पोटोसी में हुई. बच्ची को पेट के इन्फेक्शन के बाद Salinas de Hildalgo Community Hospital में एडमिट करवाया गया था. वहां इलाज के दौरान उसकी दिल की धड़कन रुक गई थी और डॉक्टर्स ने उसे मृत घोषित कर दिया था. इसके बाद पेरेंट्स रोते हुए अपनी बच्ची को फ्यूनरल के लिए ले गए थे.
पेट में इन्फेक्शन के बाद हुए बुखार के कारण मौत की बात कैमिलिया की मां मानने को तैयार नहीं थी. उसने बार-बार चिल्लाना शुरू किया शुरु किया कि उसकी बेटी मरी नहीं है. लेकिन परिवार वाले और डॉक्टर्स इसे सदमा समझने लगे. बच्ची की मां को उसकी बॉडी से दूर रखा गया. अगले दिन जब अंतिम संस्कार की प्रक्रिया हो रही थी, तब भी कैमिलिया की मां कहने लगी कि उसकी बच्ची ताबूत में हिल रही है. लेकिन किसी ने उसका यकीन नहीं किया. आखिरकार बच्ची अंदर से रोने लगी और अपनी मां को आवाज देने लगी. तब जाकर ताबूत खोला गया और अंदर बच्ची जिंदा निकली.