निवेशकांे का एक हजार करोड़ रूपए दिलाए जाने की मांग – आल इन्वेस्टर सेफ्टी आर्गनाइजेशन ने पीएम, सीएम समेत अन्य अधिकारियों को भेजा ज्ञापन

फतेहपुर। भारतीय प्रतिभूति एवं विनिमय बोर्ड (सेबी) ने भारत सरकार से मान्यता लेकर पूरे देश में कारोबार कर रही पर्ल्स ग्रुप आफ कंपनीज को प्रतिबंधित किए जाने के बाद निवेशकों के फंसे पैसे को दिलाए जाने की मांग को लेकर बुधवार को आल इन्वेस्टर सेफ्टी आर्गनाइजेशन ने पीएम, सीएम समेत अन्य अधिकारियों को ज्ञापन भेजा है। जिसमें बताया गया कि जिले के लगभग दस लाख निवेशकांे का एक हजार करोड़ रूपया फंसा है। जिसे निवेशकों को वापस दिलाया जाए।
आल इन्वेस्टर सेफ्टी आर्गनाइजेशन के जिलाध्यक्ष कामता प्रसाद प्रजापति की अगुवाई में निवेशकों ने कलेक्ट्रेट पहुंचकर प्रदर्शन किया तत्काल प्रधानमंत्री, मुख्यमंत्री व लोढ़ा कमेटी के नोडल आफिसर को संबोधित ज्ञापन उप जिलाधिकारी को सौंपकर बताया कि पर्ल्स गु्रप आफ कंपनीज भारत सरकार से मान्यता लेकर पूरे देश में रियल स्टेट का कार्य कर रही थी। जिसको सेबी ने प्रतिबंधित करके सारी सम्पत्तियां जब्त कर ली। जिससे निवेशकों को पैसा मिलना बंद हो गया और जिले के लगभग दस लाख निवेशकों का एक हजार करोड़ रूपया फंस गया है। बताया कि कंपनी ने सेबी के इस आदेश के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में अपील की है जहां मामला विचाराधीन है। ज्ञापन में कहा गया कि यह संगठन निवेशकों द्वारा गठित राष्ट्रीय पंजीकृत संगठन है जो अपनी जमा पूंजी वापसी के लिए सुप्रीम कोर्ट में पैरवी कर रहा है। सुप्रीम कोर्ट ने निवेशकों के हित को ध्यान में रखते हुए दो फरवरी 2016 को पूर्व मुख्य न्यायाधीश आरएम लोढ़ा की अध्यक्षता में कमेटी गठित कर पीएसीएल की संपत्तियों को नीलाम कर निवेशकों का पैसा लौटाने का आदेश दिया था। इसके बावजूद सेबी अपनी मनमानी कर रहा है। बताया कि कोविड महामारी के चलते आर्थिक समस्या से ग्रसित निवेशकों ने सोशल मीडिया के माध्यम से समस्या पहुंचाने का प्रयास किया लेकिन सरकार ने कोई समाधान नहीं किया। जिससे आक्रोशित होकर आज फिर जिले स्तर पर धरना-प्रदर्शन किया जा रहा है। यदि सरकार ने कोई समाधान न किया तो पूरे देश के निवेशक दिल्ली में बड़े पैमाने पर कूच करने को मजबूर होंगे। इस मौके पर रामशंकर सविता, नवल किशेर साहू, जीतू प्रजापति, छेदीलाल, राजाराम, लवकुश, वीरेंद्र कुमार, रामसुमेर, कृष्ण कुमार, छोटेलाल प्रजापति, कमल किशोर, विजय कुमार, वीरेंद्र सिंह, भानु प्रताप, शिवसेवक गुप्ता, फूलचंद्र, रामशरन, राजकुमार, मनोहर लाल, दयाशंकर प्रजापति भी मौजूद रहे।

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