मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने गुरुवार को 42 इलेक्ट्रिक बसों को हरी झंडी दिखाई। इसके साथ ही राजधानी में ई-बसों का बेड़ा गुरुवार को बढ़ गया। इनमें से 34 राजधानी के चार रूटों पर चलेंगी, जिससे करीब 15 हजार यात्रियों को राहत मिलेगी। आठ बसें कानपुर में चलेंगी।
इस मौके पर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि नगरीय क्षेत्रों में पब्लिक ट्रांसपोर्ट की प्रदूषण से मुक्त परिवहन सेवा इस समय की मांग है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के मार्गदर्शन में प्रदेश में तेजी के साथ बेहतरीन पब्लिक ट्रांसपोर्ट की सुविधा उपलब्ध कराने में हमें सफलता प्राप्त हुई है।
उन्होंने कहा कि आज प्रदेश के दो सबसे बड़े महानगरों लखनऊ और कानपुर के लिए 42 इलेक्ट्रिक बसों का शुभारंभ हो रहा है। इस अवसर पर उन्होंने दोनों नगर निकायों से जुड़े हुए सभी माननीय जनप्रतिनिधियों और वहां की जनता-जनार्दन का हृदय से अभिनंदन करते हुए उन्हें बधाई दी।
मंगलवार को ‘बसें तैयार, उद्घाटन के लिए मंत्रीजी की हामी का इंतजार’ इसमें इसका जिक्र किया गया था कि ये इलेक्ट्रिक बसें करीब महीने भर से दुबग्गा डिपो में खड़ी हैं। इन्हें सड़क पर सिर्फ इसलिए नहीं उतारा जा पाया, क्योंकि मंत्रीजी से हरी झंडी दिखाने का समय नहीं मिल सका है। सीएम ने मामले को गंभीरता से लिया और गुरुवार को इन बसों को हरी झंडी दिखाने का निर्णय लिया है।
लखनऊ सिटी ट्रांसपोर्ट के प्रबंध निदेशक पल्लव बोस ने बताया कि अभी लखनऊ के 22 मार्गों पर 105 ई-बसें चल रही हैं। इनसे रोजाना 35 से 40 हजार यात्री सफर कर रहे हैं। अब बेड़े में 34 और ई-बसें शामिल हो जाने से दैनिक यात्रियों को बड़ी राहत मिलेगी।
नई बसों में गुरुवार से सफर किया जा सकेगा। इन्हें विराजखंड बस स्टैंड से पीजीआई वाया अहिमामऊ, लू-लू मॉल, तेलीबाग रूट पर चलाया जाना था, लेकिन इसे निरस्त कर दिया गया है। इसकी जगह लखनऊ से नैमिष का रूट जोड़ा गया है।