सपा दमदार नेताओं को देगी अहम जिम्मेदारी, पार्टी ने बढ़ाई सक्रियता, ऐसे होगा पदाधिकारियों का होगा चयन
सपा ने हर स्तर पर सक्रियता बढ़ा दी है। पार्टी उत्पीड़न की घटनाओं पर सरकार को जोरदार तरीके से घेरने की रणनीति के साथ ही सदस्यता अभियान में दमदारी दिखाने वाले नेताओं पर भी निगाह रख रही है। अक्तूबर में होने वाले सम्मेलन में इसी आधार पर विभिन्न इकाइयों के नए प्रदेश अध्यक्षों के साथ अन्य पदाधिकारियों का चयन होगा। निरंतर सक्रिय रहने वाले नेताओं को महत्वपूर्ण जिम्मेदारी मिलेगी।
विधान सभा चुनाव में पार्टी का वोटबैंक 30 फीसदी से ऊपर पहुंचने से उत्साहित रणनीतिकार इसे सहेजे रखने के लिए नए-नए तरीके अपना रहे हैं। यही वजह है कि सदस्यता अभियान चलाने के लिए वरिष्ठ नेताओं को प्रभारी के तौर पर जिम्मेदारी दी गई है। ये प्रभारी ज्यादा से ज्यादा सदस्य बनाने के साथ ही क्षेत्र में सक्रिय रहने वाले नेताओं को चिह्नित भी कर रहे हैं। भाजपा सरकार को घेरने में सक्रिय रहने वाले नेताओं पर शीर्ष नेतृत्व नजर भी रख रहा है।
इसलिए माना जा रहा है कि संगठन में इन्हें अहम जिम्मेदारी मिलना तय है। पार्टी के राष्ट्रीय सचिव एवं मुख्य प्रवक्ता राजेंद्र चौधरी कहते हैं कि भाजपा सरकार हर स्तर पर समाजवादियों को कुचलने की साजिश रच रही है, लेकिन कार्यकर्ताओं के हौसले बुलंद हैं। पार्टी का हर कार्यकर्ता और नेता क्षेत्र में डटा है। प्रदेश अध्यक्ष नरेश उत्तम पटेल का कहना है कि सदस्यता अभियान में सक्रिय भूमिका निभाने वालों को पार्टी भी तवज्जो देगी।
हर घटना की जांच करेगा प्रतिनिधिमंडल
पार्टी ने तय किया है कि कहीं भी उत्पीड़न की घटना सामने आती है तो पार्टी का प्रतिनिधिमंडल मौके पर जांच कर रिपोर्ट तैयार करेगा। इस रिपोर्ट के आधार पर संबंधित जिले के साथ ही आसपास के जिले के नेता भाजपा पर हमला बोलेंगे। विधान सभा सत्र शुरू होने पर संबंधित रिपोर्ट के आधार पर मामलों को सदन में रखा जाएगा। इसी रणनीति का नतीजा है कि पार्टी अध्यक्ष अखिलेश यादव आजमगढ़ जेल पहुंच कर पूर्व सांसद रमाकांत यादव से मिले तो आजम खां के मामले को लेकर प्रतिनिधिमंडल ने डीजीपी से मुलाकात की। इसी तरह पार्टी का प्रतिनिधिमंडल संत कबीरनगर सहित अन्य जिलों में जा चुका है।
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