फतेहपुर। न्यूज वाणी जिला अस्पताल मे हो रहे भ्रष्टाचार एवं अव्यवस्थाओं के अलावा डॉक्टरों द्वारा मरीजों के साथ किये जा रहे मनमानी की शिकायत पर जिलाधिकारी ने हकीकत को परखने के लिए औचक निरीक्षण किया जहां खामियां ही खामियां मिली जिस पर डीएम का पारा सातवें आसमान पर पहुंच गया और जमकर फटकार लगाते हुए समय के अन्दर सुधार लाने के निर्देश दिये। तत्पश्चात् तेज तर्राट जिलाधिकारी आन्जनेय कुमार सिंह सीएमओ एवं बेसिक शिक्षा अधिकारी कार्यालय पहुंचकर औचक निरीक्षण किया जहां कई कर्मचारी अपनी कुर्सी से नदारत मिले जिस पर जिम्मेदार अधिकारियों को फटकार लगाते हुए कड़ी कार्यवाही किये जाने की मांग कही।
शनिवार को जिलाधिकारी आंजनेय कुमार सिंह प्रशासनिक अमले के साथ जिला चिकित्सालय पहुँच कर निरिक्षण किया जिसमे सबसे पहले परिसर में खड़ी स्थित प्राइवेट एम्बुलेंस देख कर सीएमएस डा0 विवेक निगम से नाराजगी जताते हुए 108 एम्बुलेन्स के विषय में जानकारी ली और तत्काल प्राइवेट एम्बुलेन्स को परिसर से बाहर किये जाने को कहा। उसके बाद डीएम ने डॉक्टरों के कक्ष, दवाई वितरण कक्ष का बारीकी से निरीक्षण किया, इस दौरान ओपीडी में अधिकारियो को डॉक्टरों द्वारा बाहरी दवाई के लिए मरीजों को लिखी पर्चियां भी मिली जिस पर डीएम ने नाराजगी व्यक्त करते हुए बाहरी दवाई लिखने वाले डॉक्टरों को दण्डित किये जाने को कहा। जिलाधिकारी समेत बड़े अफसरों के अचानक निरीक्षण किये जाने से अस्पताल में हड़कम्प मच गया। अस्पताल में डॉक्टरों के चेम्बरो में बैठने वाले दलाल अधिकारियो के पहुंचते ही वहां से तुरन्त खिसक गये। अस्पताल में फैली अव्यवस्था को देखकर जिलाधिकारी आंजनेय कुमार सिंह ने सीएमएस को कड़ी फटकार लगाते हुए अनुपस्थित डॉक्टरों व अन्य के विरुद्ध कड़ी कार्यवाही करने के साथ ही डॉक्टरों के चेम्बर में बैठने वाले दलालों पर दिखाई देते ही सीधे एफआईआर कराए जाने के निर्देश दिए। जिला चिकित्सालय के निरीक्षण के बाद डीएम सीधे सीएमओ आफिस पहुंचे जहां पर अनुपस्थित कर्मचारियों पर नाराजगी व्यक्त करते हुए उनके वेतन रोकने के निर्देश दिए। साथ ही सीएमओ को अस्पताल की व्यवस्ताओं को दुरुस्त किये बिना अगला फण्ड न दिए जाने को कहा। डीएम के तेवर देख साथ चल रहे अफसर एवं अन्य कर्मचारी भी खौफ में दिखे। वहीं निरीक्षण के दौरान सीडीओ चांदनी सिंह व एडीएम जेपी गुप्ता ने डाक्टरों के कक्ष के बाहर कई मरीजों के पास से डाक्टरों द्वारा लिखी गयी बाहरी दवाईयों की पर्चियां भी अपने कब्जे मे ली और अस्पताल मे दलालों के माध्यम से लिखी जाने वाली बाहर की दवाईयों पर कड़ा रूख अपनाते हुए डाक्टरों को सुधार लाने के निर्देश दिये। अस्पताल के बाद जिलाधिकारी सीधे बेसिक शिक्षा अधिकारी के कार्यालय पहुंचे जहाँ व्याप्त गन्दगी देख कर डीएम का पारा हाई हो गया। जगह-जगह दीवारें पान मसालो के दाग से रंगी पड़ी थी जिस पर जिम्मेदारों को शीघ्र ही सफाई कराये जाने के निर्देश दिये। साथ ही दुबारा गन्दगी मिलने पर कार्यवाही किये जाने को कहा, वहीं लेखाधिकारी समेत अन्य कर्मचारियों की कार्यशैली पर असंतोष जताते हुए सुधर जाने की कड़ी चेतावनी देते हुए डीएम ने कहा कि एक माह पूर्व उन्होंने तैनाती के समय सभी विभागों को अपनी कार्यशैली में सुधार लाने के लिए कहा था। साथ ही उन्हें एक माह का समय दिया गया था एक माह गुजर जाने के बाद सभी विभागों का औचक निरीक्षण करते हुए लापरवाही पर कड़ी कार्यवाही की जायेगी। साथ ही कहा कि शासन की मंशा के अनुरूप ही सभी अधिकारियो एवं कर्मचारियों को कार्य करना होगा, लापरवाही करने वाले अफसरों को बख्शा नही जायेगा। इस मौके पर सीडीओ चांदनी सिंह, एडीएम जेपी गुप्ता समेत बड़ी संख्या में अधिकारी एवं कर्मचारी मौजूद रहे।