सूफ़ी सन्त हज़रत हाजी हाफिज़ वारिस अली शाह के 117वां सलाना सफ़र उर्स देवा मेला में उमड़ी भीड़

न्यूज़ वाणी

सूफ़ी सन्त हज़रत हाजी हाफिज़ वारिस अली शाह के 117वां सलाना सफ़र उर्स देवा मेला में उमड़ी भीड़

शाह आलम वारसी
बाराबंकी : सूफी संत की दरगाह पर आयोजित होने वाले तीन दिवसीय 117वां सालाना उर्स की कड़ी में सफर उर्स कार्तिक उर्स (देवा मेला) की मेले के इस उर्स में भी सूफी संत के हजारों मुरीद और जायरीन अपनी हाजिरी लगाने आते हैं।सूफी संत सैय्यद हज़रत हाजी हाफिज़ वारिस अली शाह र0ह0 की दरगाह पर प्रतिमाह होने वाले नौचंदी उर्स के साथ ही तीन सालाना उर्स आयोजित होते हैं। इनमें सबसे पहला कार्तिक उर्स होता हैं। इसके बाद अब जो सफ़र का उर्स आज देवा मेला के रूप में देश-विदेश में प्रख्यात है। यह उर्स स्वयं हाजी वारिस अली शाह ने अपने वालिद सैय्यद कुर्बान अली शाह की याद में शुरू किया था। इसके बाद सफर का उर्स होता है। यह उर्स सूफी संत सैय्यद हाजी हाफिज़ वारिस अली शाह र0ह0की याद में आयोजित होता है। चार दिवसीय इस उर्स में भी देश-विदेश से लाखों तादाद में जायरीन सूफी संत की दरगाह पर अपनी हाजिरी लगाते हैं। इसमें इस्लामी माह की पहली सफर को सैय्यद हज़रत हाजी हाफिज़ वारिस अली शाह का कुलशरीफ होता है।यें सलाना उर्स सरकार का 117वां उर्स बताया ज़ा रहा हैं इसके बाद आयोजित होने वाला चैत्र उर्स मूलत: बाबा के एहरामपोश फुकरा द्वारा आयोजित किया जाता है।इस उर्स में देश-विदेश में फैले बाबा के एहरामपोश मुरीद अपने पीर को लाखों की तादात में अकीदत पेश करने आते हैं। देश भर में फैले बाबा के मुरीद वारसी संस्कृति के इस मरकज पर मौजूद रहकर अपने पीर को खिराजे अकीदत पेश करते हैं। सफर उर्स इस बार 26 अगस्त एवं इस्लामी तिथि 27 मुहर्रम से प्रारंभ होकर एक सफर की तिथि अंग्रेजी तारीख 29अगस्त तक चलेगा। चांद न निकलने की स्थिति में कुलशरीफ एक दिन आगे बढ़ सकता है।वहीं मेले आए दुकानें एक बड़ा मवेशी बाजार मेले का मुख्य आकर्षण है। मेले के दौरान अच्छी विविधता लिये सांस्कृतिक कार्यक्रमों का आयोजन किया जाता है जिसमें ऑल इंडिया मुशायरा, कवि सम्मेलन, संगीत सम्मेलन, मानस सम्मेलन, सीरतुन-नबी इत्यादि शामिल हैं। खेल प्रेमी लोगों को हॉकी, वॉलीबॉल, बैडमिंटन, एथलेटिक्स, इत्यादि जैसी आयोजित स्पर्धाओं से बहुत आनन्द मिलता है। सैकड़ों चमकीले ढंग से प्रकाशित और सजाई हुई दुकानें विविध प्रकार की हस्तशिल्प, घरेलू उपयोग की वस्तुएं, खिलौने, स्वादिष्ट स्नैक्स और मिठाइयां प्रस्तुत करती हैं। आतिशबाज़ी के एक शानदार प्रदर्शन के साथ देवा मेला का समापन होता है।

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