हजरत मौलाना रसूल बख्श सुपुर्द-ए-खाक – इंतकाल की खबर लगते ही क्षेत्र में शोक की लहर

खागा/फतेहपुर। हजरत हुजूर मुफ्ती-ए-आजम हिंद के खलीफा हजरत मौलाना रसूल बख्श नूरी उर्फ गामा मियां का मंगलवार दोपहर इंतकाल हो गया था। उन्हें बुधवार की सुबह बख्शीश नगर, बहेरा सादात में 10 बजे के बाद नम आंखों के साथ सुपुर्द-ए-खाक कर दिया गया। इस दौरान हजारों की तादाद में लोग मौजूद रहें। वे लगभग 80 वर्ष के थे। उनके इंतकाल की खबर लगते ही क्षेत्र में शोक की लहर दौड़ गई तथा उनके गांव बहेरा सादात सहित इलाके से भारी भीड़ जुटनी शुरू हो गई।
मौलाना रसूल बख्श नूरी उर्फ गामा मियां का मंगलवार की दोपहर डेढ़ बजे उनके घर पर ही इंतकाल हो गया था। वह काफी दिन से बीमार चल रहे थे। वे अपने पीछे अपनी धर्म पत्नी, चार लड़के और तीन लड़कियां छोड़ गए हैं। हजरत मौलाना रसूल बख्श नूरी उर्फ गामा मियां अपने क्षेत्र में एक विशेष सम्मान पाने वाले मुस्लिम धर्म गुरु थे। उनके चाहने व मानने वाले कई जिले में लोग हैं और उनके पांच बेटे थे जो सभी हाफ़िज़, कारी और मौलाना हैं। जिसमें से एक बड़े साहबजादे का बीते दो वर्ष पहले इंतकाल हो गया था और वर्तमान में कारी बिलाल नूरी, कारी हेलाल नूरी, कारी अफजाल नूरी और कारी अहमद नूरी आज भी इस्लाम के धर्म गुरुओं के रूप में देश के विभिन्न इलाकों में अपनी सेवा दे रहे हैं। उनके जनाजे में शिरकत करने के लिए दूर-दराज से चलकर आए कई धर्म गुरुओं के साथ ही इलाके के संभ्रांत लोगों सहित आमजन भी भारी तादाद में उपस्थित रहे।

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