सरकार की शादी अनुदान योजना का पैसा पहुंचा कांग्रेस शासित राज्य – सीएम की महत्वपूर्ण योजना पर बट्टा लगा सपाई मानसिकता वाले अफसर -समाज कल्याण की लापरवाही या भ्रष्टाचार का खेल, पात्रों के लिए बना मुसीबत – कार्रवाई की जगह अफसरों ने शुरू की लीपापोती
फतेहपुर। योगी सरकार के ड्रीम प्रोजेक्ट शादी अनुदान योजना का पैसा पात्रों की जगह विभगीय भ्रष्टाचार की भेंट चढ़ गया। पात्रों को मिलने वाला धन गैर प्रान्त कांग्रेस शासित राज्य राजस्थान में बैठे व्यक्तियों के खाते में भेजने का मामला सामने आने के बाद अब विभाग लीपापोती में जुट गया है। समाज कल्याण विभाग द्वारा शादी अनुदान योजना के 20 हज़ार रुपये की धनराशि पात्र लाभार्थियों को भेजी जाती है लेकिन जनपद के समाज कल्याण विभाग में भ्रष्टाचार के सिंडिकेट के चलते 80 हज़ार रुपये की धनराशि को पात्रों की जगह गैर प्रान्त के खाताधारक के खाते में ट्रांसफर कर दी गई। मामला संज्ञान में आने के बाद पटल सहायक पर कार्रवाई करने की जगह समाज कल्याण अधिकारी ने खाते में आया हुआ धन पात्रों के अकॉउंट में डालने को संबंधित बैंक को पत्र लिखकर अनुरोध किया है। जिम्मेदारों पर कार्रवाई करने की जगह विभाग के अफसर मामले की लीपापोती में जुट गए है। जिससे समाज कल्याण विभाग के अफसरों की निष्ठा पर सवाल उठना लाजिमी है। योगी सरकार की महत्वपूर्ण योजना के पात्रों का धन का बंदरबांट करना सरकार की भ्रष्टाचार की ज़ीरो टॉलरेंस नीति पर भी सवाल उठने लगा है। प्रदेश सरकार की महत्वपूर्ण योजना शादी अनुदान योजना में पात्रों को मिलने वाला धन समाज कल्याण विभाग द्वारा सत्यापन के बाद ही लाभार्थियों के खातों में हस्तानांतरित किया जाता है लेकिन जनपद के पटल सहायक व अन्य कर्मियों की सांठगांठ की वजह से इसे बिना जांच किए ही धन को राजस्थान के सिन्दरी के रहने वाले व्यक्ति के खाते में हस्तानांतरितकर दिया गया। पात्रों के खाते में धनराशि न पहुंचने से हंगामा मच गया जिसपर विभागीय खेल उजागर हो गया। मामले को अब तक दबाए बैठे समाज कल्याण विभाग की करतूत उजागर होते ही समूचा विभाग मामले पर पर्दा डालने व लीपापोती करने में जुट गया है। मामला बढ़ता देख समाज कल्याण अधिकारी अवनीश कुमार यादव ने राजस्थान की बीओबी शाखा से धनराशि प्राप्त किये व्यक्ति के खाते से पैसे की रिकवरी करके वास्तविक पात्र के खाते में भेजने का अनुरोध पत्र भेजकर मामले से पल्ला झाड़ लिया। ऐसे में सवाल उठना लाजिमी है कि अपात्रों के खाते में धनराशि भेजा जाना संयोग है या भ्रष्टाचार की साजिश। अब तक ऐसी कितनी धनराशि का विभाग बंदरबांट कर चुका है और इस सिंडिकेट की जड़े कितनी गहरी है यह तो जांच के बाद ही पता चल सकेगा। सपा मानसिकता वाले और कितने अफसर योगी सरकार की गुड़ गवर्नेस को बट्टा लगा रहे है यह तो जांच का विषय है। विभाग भले ही धनराशि को त्रुटिवश चला गया। बताकर रकम वापसी के लिये पत्राचार की बात कर रहा हो लेकिन अनुदान योजना के चयनित पात्र अपनी अनुदान की धनराशि को प्रप्त करने के लिये 31मार्च 2022 से अफसरों के एक टेबल से दूसरे टेबल भटक रहे हैं।इस मामले पर समाज कल्याण अधिकारी अवनीश कुमार यादव ने बताया कि खातों की संख्या लिखने में कभी कभी मानवीय त्रुटि हो सकती है यदि कोई पात्र लाभार्थी वंचित रह गया हो तो वह कार्यालय में आकर अपनी शिकायत दर्ज करवा सकता है। त्रुटि सुधार कर योजना का लाभ व धनराशि उसके खाते में भेजने की कार्रवाई की जाएगी।