फाइलेरिया की सटीक रिपोर्ट के लिये रात 8.30 के बाद ही लें ब्लड सैंपल- डीएन गिरि – राष्ट्रीय फाइलेरिया उन्मूलन कार्यक्रम के तहत रात्रिकालीन रक्त पट्टिका संग्रह प्रशिक्षण में दी जानकारी
फतेहपुर। स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय भारत सरकार के अंतर्गत राष्ट्रीय फाइलेरिया उन्मूलन कार्यक्रम के तहत रात्रिकालीन रक्त पट्टिका संग्रह प्रशिक्षण कार्यक्रम का आयोजन किया गया। रिसर्च आफीसर आरओएच एंड फेमिली वेलफेयर डीएन0 गिरि और रिसर्च कंसल्टेंट भारत सरकार आशीष बाजपेई ने अचल प्रशिक्षण केंद्र में लैब असिस्टेंट और लैब टेक्नीशियन को नाइट ब्लड सर्वे प्रशिक्षण दिया। विशेषज्ञों ने बताया कि रात में 8.30 से रात्रि 12 बजे के बीच जो ब्लड का सैंपल लिया जाता है उसमे फाइलेरिया की सटीक और सही रिपोर्ट आती है। इसलिये कम लोगों की ही जांच करें लेकिन सही करें।
शोध अधिकारी आरओएच एंड फैमिली वेलफेयर डीएन गिरि ने बताया कि फाइलेरिया बीमारी शरीर में विकृति उत्पन्न कर देती है। इसका कोई इलाज नहीं है। यह बीमारी किसी भी व्यक्ति को किसी भी उम्र में हो सकती है। बीमारी संक्रमित मादा क्यूलेक्स मच्छर के काटने से फैलती है। बीमारी का संक्रमण परजीवी के लार्वा माइक्रोफाइलेरिया द्वारा होता है। मच्छर जब स्वस्थ व्यक्ति को काटता है तो उसके शरीर पर एल-3 लार्वा को छोड़ देता है। यह लार्वा शरीर में जाकर वयस्क बन जाता है। वयस्क मादा माइक्रो फाइलेरिया को जन्म देती है। जो रक्त में घूमते रहते हैं। यह वाहय रक्त में रात्रि के समय आते हैं। इसलिए नाइट ब्लड सर्वेक्षण अक्सर रात में 8.30 से 12 बजे के बीच में किया जाता है। रिसर्च कंसल्टेंट भारत सरकार आशीष बाजपेई ने बताया कि नाइट ब्लड सर्वे के माध्यम से किसी क्षेत्र में फाइलेरिया से प्रभावित होने का पता लगाया जा सकता है इसके अंतर्गत रात्रि 8.30 से 12 बजे के बीच में खून नमूने लिये जाते हैं। उन्होंने प्रशिक्षण के दौरान स्लाइड की सफाई, उंगली पर स्प्रिट लगाना, स्प्रिट के सूखने के बाद नीडल लांसेट से प्रिक करना, स्मीयर को अंडाकार में बनाना, स्लाइड को उचित तरीके से संकित करना और बाक्स में रखने के बारे में विस्तार से जानकारी दी। इस मौके पर जिला मलेरिया अधिकारी सुजाता ठाकुर ने कहा कि फाइलेरिया के प्रति लोगों में जागरूक किया जा रहा है। इसके लिये आशाओं की मदद भी ली जा रही है। प्रशिक्षण के दौरान लैब टेक्नीशियन को नाइट ब्लड सर्वे में आने वाली दिक्कतों के बारे में प्रशिक्षित किया गया है। इस मौके पर फाइलेरिया नियंत्रण अधिकारी गायत्री गुप्ता, मलेरिया निरीक्षक ईशान कुमार, वरिष्ठ मलेरिया निरीक्षक राधेश्याम भारतीय, आशीष त्रिपाठी मलेरिया निरीक्षक, अतुल कुमार फाइलेरिया निरीक्षक, पियूष फाइलेरिया निरीक्षक मौजूद रहे। इस दौरान सीफार से सुबोध दीक्षित ने पीएसजी नेटवर्क के बारे में जानकारी दी।