खुली चुनौती देते विद्यालय संचालक अवैध कोचिंग बिना मानक के स्कूलोंका गढ़ बना खागातहसील

 

 

                 न्यूज़ वाणी संवाददाता अवधेश कुमार दुबे 

अवैध कोचिंग बिना मानक के स्कूलोंका गढ़ बना खागातहसील
पैसे की खनक तथा इन विद्यालय वालो की साठ गांठ के चलते किसी अधिकारी की हिम्मत नहीं कि इन विद्यालयों में चेकिंग के नाम से घुस जाए
*खुली चुनौती देते विद्यालय संचालक
शिक्षा विभाग को शर्मसार करने वाली यह खबर*। केवल जनता की मांग पर उठाई जा रही है
विभिन्न क्षेत्रों में भ्रमण के दौरान लोगों ने अपनी समस्याएं हम हैं बताई और हम आपके बीच में उन्हीं का प्रश्न रख रहे हैं
खागा तहसील में बिना रजिस्ट्रेशन बिना मानक के धड़ल्ले से चल रही कोचिंग संस्थान तथा विद्यालय
मानक विहीन विद्यालय चला रहे 10वीं 12वीं के क्लास है जिन विद्यालयों में विज्ञान वर्ग की मान्यता नहीं है वहां पर विज्ञान वर्ग के विद्यार्थियों का लिया गया एडमिशन
बुदवन क्षेत्र में कई वर्षों से संचालित एक विद्यालय में बिना नंबर की प्लेट वाली बसें कई वर्षों से संचालित होती रहती हैं और यह बसें पुलिस चौकी के सामने से प्रतिदिन गुजरती हैं तथा कई बार हो चुके हेड्स लेकिन पुलिस ने आज तक जांच नहीं की उसका कारण राजनीतिक सांठगांठ तथा नोटो की बारिश बताया जा रहा है
सुजारही में मानक विहीन विद्यालयों की संख्या चार बताई जा रही है उन विद्यालयों में विद्यार्थियों के बैठने की पर्याप्त व्यवस्थाएं तक उपलब्ध नहीं है वही सुजरही में संचालित एक विद्यालय तो हाई स्कूल इंटर के फॉर्म भी भरा चुका है जो आठवी तक की मान्यता रखता है छिवलहा के इंटर कॉलेज से संबद्धता के नाम से दुकान चला रहा है त्रिलोचनपुर विद्यालय में छोटी गाड़ियों ढोए जा रहे बच्चे जिनमें किसी भी अधिकारी का फोन नंबर तक दर्ज नहीं है दुर्घटना होने पर अगर कोई व्यक्ति फोन भी करना चाहेगा तो किसे करेगा
शिक्षा विभाग मनमाने रवैए से नोट के बल पर इन विद्यालयों को संचालित करने की अनुमति दे रहा है वही पुलिस विभाग भी इस मामले में चुप्पी साधे बैठा है शायद किसी बड़ी दुर्घटना का इंतजार तेजी से किया जा रहा है जैसे ही दुर्घटना होगी यही अधिकारी नोट और नीद छोड़ त्वरित कार्यवाही के लिए तेजतर्रार बन करके पहुंच जाते हैं क्या यह रवैया इनका ठीक लगता है शिक्षा विभाग ने तो आज तक खागा तहसील क्षेत्र में किसी विद्यालय का निरीक्षण नहीं किया प्राइवेट विद्यालयों में तो मानकों की धज्जियां उड़ ही रही हैं उसके पीछे मुख्य कारण लेनदेन की जो प्रक्रिया है वह बहुत तेज और मजबूत हो रही है वही रक्षपालपुर चौराहे पर दरियामऊ रोड में संचालित 4 कोचिंग संस्थान जो बिना किसी रजिस्ट्रेशन के बिना किसी मानक के संचालित किए जा रहे हैं इन पर आज तक किसी प्रकार की कोई कार्रवाई नहीं हुई शिक्षा विभाग के अधिकारी अपने ऑफिस से निकलने से पहले ही सूचना दे देते हैं आप सावधान हो जाइए हम आ रहे हैं इसकी पुष्टि कई बार स्वयं विद्यालय वा कोचिग वालों ने किया वह खुद बताते हैं कि शिक्षा विभाग का कोई भी अधिकारी जब आता है तो हमें पूर्व में ही सूचना मिल जाती है इसी प्रकार टोल टैक्स के पास संचालित खैरा पुर का एक विद्यालय जिसकी मान्यता भी नहीं प्राप्त है जीटी रोड के किनारे ही संचालित किया जा रहा है अब मानक की बात क्या करें जिस विद्यालय का रजिस्ट्रेशन या विद्यालय की मान्यता न हो उस विद्यालय के बारे में क्या कहा जाएगा खैर शिक्षा विभाग सो रहा है तो सो रहा है आखिर क्या नोटों के बल पर सब हो रहा है यह सोचने का विषय होगा जनता अपने सवाल इसी प्रकार से उठाती है लेकिन उसकी आवाज अधिकारियों तक पहुंच नहीं पाती यदि पहुंचती है तो उनके कानों में जूं नहीं रेंगती है
खागा में संचालित तहसील के पीछे कोचिंग संस्थान में चल रहा स्कूल तो एक तथा कथित पत्रकार का ही बताया जा रहा है एस डी एम खागा को सूची भी दी गई थी
लेकिन ठंडे बस्ते में चली गई
सरकार सहित गांव के पास संचालित इंटर कॉलेज अपने आप पे कमाल का विद्यालय है जिसमें दूसरे विद्यालयों में रजिस्टर्ड विद्यालय के छात्र उस विद्यालय में पढ़ाए जा रहे हैं ग्रामीणों ने बताया कि इसकी भी मान्यता प्राप्त नहीं है हाई स्कूल या इंटर सही ढंग से उन्होंने नहीं बताया लेकिन यह जरूर बताया कि हाई स्कूल या इंटर में से किसी की मान्यता प्राप्त नहीं है फिर वह विज्ञान वर्ग हो या फिर कला वर्ग हो
इन विद्यालयों में गरीबों के बच्चे पढ़ते हैं अगर विद्यालय बिना मान्यता प्राप्त चल रहे हैं तो इन विद्यार्थियों को आगे जाने पर ट्रांसफर सर्टिफिकेट के लिए जद्दोजहद करनी पड़ती है क्योंकि यह विद्यालय वाले फिर अभिभावकों को दौड़ आते रहते हैं काउंटर साइन के लिए तो महीनों लग जाते हैं अंत में दस्त होकर वह अभिभावक किसी प्रकार से अपनी जमा की हुई पूंजी में से कुछ खर्च कर लेनदेन करके किसी प्रकार से अपना काम चला लेता है तो क्या शिक्षा विभाग का यह दायित्व नहीं बनता कि क्षेत्र में संचालित इन अवैध मानक विहीन विद्यालयों कोचिंग संस्थानों का निरीक्षण करें

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