हाथ की सफाई से नोट डबल! जी हां सही सुना। पर यह सच नहीं है। ऐसा बोलकर लोगों को ठगने वाली एक गैंग को इंदौर पुलिस ने पकड़ा है। केमिकल, टेप और छुटपुट सामान के जरिए ये हाथ की सफाई दिखाते थे बस। इसमें उन्हें सिर्फ डेढ़ मिनट लगते थे। गैंग में कुल तीन लोग हैं। दो बिहार के, एक इंदौर का। तीनों पुराने क्रिमिनल्स हैं। सिलसिलेवार तरीके से जानिए इनका पूरा ढोंग। आप भी रहिए ऐसे लोगों से सावधान…
पहले जानिए ये हैं कौन और कैसे बनी गैंग
इंदौर के आलोक नगर का जोगेंद्र निगवाल उर्फ जीतू का काम सॉफ्ट टारगेट ढूंढ़ना था। जैसे ही कोई नोट डबल करने के लालच में आता तो वह बिहार के मूल निवासी शेख एहतेशाम जमीरुद्दीन और शेख मुन्ना कालू निवासी जिला कटिहार को बुला लेता। जोगेंद्र का क्राइम करते समय ही इन दोनों से संपर्क हुआ। तीनों ने मिलकर गैंग बना ली।
इंदौर में टारगेट ढूंढने का काम जोगेंद्र का
इंदौर लोकल का होने से शहर के सॉफ्ट टारगेट को तलाशने की जिम्मेदारी जोगेंद्र के पास थी। जोगेंद्र ने सबसे पहले एक प्रॉपर्टी व्यवसायी को झांसे में लिया। क्योंकि उसे पता था कि वह आसानी से झांसे में आ जाएगा और पैसे भी दे देगा। जोगेंद्र ने उससे कहा कुछ लोग बाहर से आए हैं जो महंगे केमिकल से नोट को डबल करते हैं। उसने ये भी बताया कि उनके ये नोट बैंक में भी आसानी से चलते हैं। उसे विश्वास दिलाया है कि ये सच है। प्रॉपर्टी कारोबारी ने डेमो दिखाने के लिए कहा।
बिहार के एहतेशाम और शेख मुन्ना दिखाते थे हाथ की सफाई
डेमो के लिए जोगेंद्र उसे शेख एहतेशाम और शेख मुन्ना के पास ले गया। यहां दोनों ने उसे बताया कि उनके पास बहुत महंगा केमिकल है, जिससे वे नोट डबल करते हैं। भरोसा दिलाने के लिए तीनों उसे एक शांत इलाके (मैदान) में ले गए। बदमाशों ने प्रॉपर्टी कारोबारी से पांच-पांच सौ रुपए के दो नोट लिए। यहां उन्होंने केमिकल के माध्यम से हाथ की सफाई दिखाते हुए दो नोटों के बदले चार नोट कर दिए। बदमाशों ने ये डेमो डेढ़ मिनट में दे दिया।
बैंक की मशीन में जमा हो गए नोट, तब शुरू हुई ज्यादा पैसे वसूलने की कहानी
बदमाशों ने उसे पांच-पांच सौ के चार असली नोट ही दिए। नोटों को चेक करने के लिए कारोबारी उन्हें लेकर पैसे जमा करने वाली मशीन तक पहुंचा। यहां उसने उन नोटों को मशीन में डाला और वो पैसे मशीन ने एक्सेप्ट कर लिए। यहां से बदमाशों ने आगे की कहानी शुरू की। एक बार विश्वास होने के बाद बदमाशों ने कारोबारी से कहा हमें बाहर जाना है, इसलिए एक बार में ही ज्यादा रकम ले आएं ताकि वे उसे डबल कर देंगे और फिर बाहर चले जाएंगे। इस पर प्रॉपर्टी व्यवसायी ने उन्हें 30 हजार रुपए दे दिए।
अब मुन्ना और एहतेशाम को भी पहचान लीजिए-
प्रॉपर्टी व्यवसायी के न रुपए डबल हुए न पैसे वापस आए
प्रॉपर्टी व्यवसायी ने आरोपियों को 30 हजार रुपए दिए थे, जब उसने डबल रुपए मांगे तो वे पैसा लौटाने में आनाकानी करने लगे। प्रॉपर्टी व्यवसायी को शक हुआ तो उसने इनके बारे में जानकारी निकाली। उसे पता चला कि ये सभी बदमाश हैं और पहले ही भी इस तरह की जालसाजी कर चुके हैं। जिसके बाद उसने खजराना थाने में शिकायत की। खजराना पुलिस के मुताबिक बदमाश 10 लाख रुपए इकट्ठा करने की फिराक में थे। फिलहाल उनसे पूछताछ कर पता लगाया जा रहा है कि बदमाशों ने ये ट्रिक कहां से सीखी और इंदौर में उन्होंने और किन लोगों के साथ इस घटना को अंजाम दिया है।
अब 10 पॉइंट्स में जानिए, ठगी का पूरा तरीका…
- आरोपी जादू दिखाने के लिए ग्राहक के सामने 500 के नोट के साइज का सफेद कागज रखते।
- जिस तरह से नोट के अंदर चमकीला तार होता है, उसी तरह का एक टेप सफेद कागज पर चिपका देते।
- फिर सबके सामने उस पर काले रंग का केमिकल दोनों तरफ लगा देते और फिर उस पुते हुए कागज को एक सफेद कागज के अंदर लपेटकर छुपा देते हैं।
- दूसरी तरफ, वे पहले से ही एक असली 500 का नोट भी इसी तरह लपेटकर अपने पास छुपाए होते हैं।
- इस कागज को भी पहले से ही पूरी तरह से काले रंग से पोतकर रखते हैं।
- डेमो दिखाने समय वे काला पुते हुए कागज को गर्म करने के लिए लाइटर बुलाते हैं और उस पर कागज को गर्म करवाते हैं।
- मौका पाते ही 360 डिग्री घुमकर कपड़ों में पहले से छुपा 500 का असली नोट वाला कागज बाहर निकालकर दे देते हैं।
- काला पुता कागज अपने पास छुपा लेते हैं। कुल मिलाकर मामला हाथ की सफाई का है।
- इसके बाद वे केमिकल की मदद से अंदर पुते हुए नोट को धो देते हैं, जिससे असली नोट साफ हो जाता है और व्यक्ति को लगता कि कागज का टुकड़ा असली नोट बन गया।
- यहां वे शिकार को ज्यादा रुपए डबल करने का लालच देते जिसमें व्यक्ति फंस जाता।