आमतौर पर यहां वीरानी होती है, इक्का-दुक्का लोग ही दिखते हैं, लेकिन कुछ दिनों से श्योपुर के कूनो नेशनल पार्क के गेट पर अफसरों की गाड़ियां हर 10 मिनट में भीतर-बाहर हो रही हैं। चीतों के आने से ज्यादा इस बात को लेकर हलचल है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 17 सितंबर को अपने जन्मदिन पर इन चीतों के पिंजरे खोलेंगे।
सवाल यह है कि जंगल के सबसे तेज दौड़ने वाले इस जानवर से क्या प्रधानमंत्री की सुरक्षा को खतरा नहीं है? आप सोच रहे होंगे प्रधानमंत्री स्पेशल प्रोटेक्शन ग्रुप के कमांडो की घेराबंदी में रहेंगे। आप बिल्कुल ठीक सोच रहे हैं, लेकिन एक बात और है, जो प्रधानमंत्री की सुरक्षा की पूरी गारंटी देती है। वो ये है
कि चीते कभी इंसान पर हमला नहीं करते। कूनो नेशनल पार्क के CCF उत्तम शर्मा कहते हैं कि आज तक दुनिया में एक भी ऐसा मामला नहीं आया है, जिसमें चीतों ने इंसान पर हमला किया हो।
शायद इसी वजह से सुरक्षा एजेंसियों ने देश को चीतों की सौगात देने के लिए इस 744 वर्ग किलोमीटर के जंगल के बीचोबीच पीएम मोदी के उतरने पर हामी भर दी है। बाकी उनकी सुरक्षा के जो प्रोटोकॉल हैं, वो तो रहेंगे ही।
एक बात और… 70 साल बाद देश की धरती पर उतरने वाले इन अफ्रीकी चीतों के मौसम से एडजस्ट करने के लिए उन्हें जंगल में छोड़े जाने का यह इवेंट बहुत लिमिटेड लोगों के बीच होगा। उस दौरान सिलेक्टेड वीआईपी, वन विभाग के बड़े अफसर और सुरक्षाकर्मी ही होंगे। आप कैमरों की मदद से ही इस दृश्य को निहार पाएंगे।