बदायूं की जामा मस्जिद पर भी विवाद, नीलकंठ महादेव मंदिर होने का दावा

 

 

बदायूं की जामा मस्जिद का मामला ज्ञानवापी की तरह चर्चित होता जा रहा है। मामले की सुनवाई आज होगी। इससे पहले दोनों पक्ष अपनी-अपनी तैयारियों में जुट गए हैं। जहां वादी व अधिवक्ता अपना पक्ष मजबूत करने की कोशिश में लगे हैं, तो वहीं इंतजामिया कमेटी मुकदमा निरस्त कराने की कोशिश में है।

दोनों पक्ष आज सुबह करीब साढ़े दस बजे न्यायालय पहुंचेंगे और फिर न्यायाधीश के सामने अपना-अपना पक्ष रखेंगे। जहां अखिल भारत हिंदू महासभा की ओर से तमाम सुबूत दाखिल किए जा चुके हैं, तो वहीं इंतजामिया कमेटी ने भी अपना जवाब तैयार कर लिया है। सुनवाई को लेकर पुलिस और प्रशासन भी अलर्ट मोड पर हैं। सुरक्षा के भी पुख्ता इंतजाम किए जा रहे हैं।

दो सितंबर को सिविल जज सीनियर डिवीजन की अदालत में नीलकंठ महादेव की ओर से मुकदमा दायर कराया गया था। न्यायालय ने मामले की सुनवाई करते हुए इंतजामिया कमेटी समेत छह प्रतिवादियों को नोटिस भेजे थे। अगली सुनवाई के लिए पंद्रह सितंबर तारीख लगाई गई थी।

इंतजामिया कमेटी ने इसका नोटिस मिलने के बाद जवाब देने की तैयारियां कीं। बताया जा रहा है कि वादी पक्ष के पास सुबूत के तौर पर तमाम सरकारी किताबों में लिखा इतिहास, गजेटियर, नक्शा और इंतखाब आदि हैं।

वादी पक्ष का दावा है कि जामा मस्जिद को नीलकंठ महादेव का मंदिर तोड़कर बनवाया गया था। इधर, इंतजामिया कमेटी 1991 एक्ट के हवाले के साथ और भी तर्क प्रस्तुत करने वाली है। इसमें दोनों ही ओर से अपना-अपना पक्ष मजबूत करने की कोशिश की जा रही है।
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