उत्तर प्रदेश के सहारनपुर में आयोजित राज्य कबड्डी प्रतियोगिता में प्रतिभाग करने सहारनपुर आईं बालिका खिलाड़ियों को ठीक से रोटी तक नसीब नहीं हुई। उनको दोपहर के भोजन में अधपके चावल परोसे गए। कई खिलाड़ियों को रोटी व पूड़ी तक नहीं मिली। ऐसे में वह सब्जी और सलाद से ही पेट भरती नजर आईं। चावल और पूड़ियां तैयार कर शौचालय में रखवाई गईं, जहां दुर्गंध के कारण खड़े होना तक मुश्किल हो रहा था।
उत्तर प्रदेश खेल निदेशालय के तत्वावधान में उत्तर प्रदेश कबड्डी संघ के द्वारा राज्य स्तरीय सब जूनियर बालिकाओं की प्रतियोगिता की मेजबानी का अवसर सहारनपुर को मिला है। प्रतियोगिता यहां डॉ. भीमराव आंबेडकर स्पोर्ट्स स्टेडियम में कराई जा रही है। प्रतियोगिता में 17 मंडलों और एक खेल छात्रावास की टीमें प्रतिभाग कर रही हैं। प्रतियोगिता का उद्घाटन शुक्रवार को हुआ। खिलाड़ियों के ठहरने और भोजन की व्यवस्था स्टेडियम में ही की गई है। लेकिन अव्यवस्था का आलम यह है कि खिलाड़ियों को ठीक से खाना तक नसीब नहीं है।
खास बात यह है कि भोजन स्वीमिंग पूल परिसर में तैयार किया जा रहा है। जहां कच्चा राशन चेंजिंग रूम और शौचालयों में रखा गया है। यहीं पर बाहर ईंटों का चूल्हा बनाकर भोजन तैयार किया गया, जिसे तैयार करने के बाद शौचालय में रखवा दिया गया। चावल की बड़ी परात और पूड़ियां कागज पर शौचालय के फर्श पर रखी मिलीं।
खिलाड़ियों को भोजन में कच्चे चावल परोसे गए, जिनको कई खिलाड़ियों ने खाने से मना कर दिया। इसके बाद चावलों को टेबल से हटा लिया गया। ऐसे में टेबल पर केवल आलू की सब्जी, दाल और रायता रह गया। खिलाड़ी प्लेट में आलू, दाल और रायता लेकर आधा से एक घंटे तक रोटी के इंतजार में खड़ी रहीं, लेकिन अव्यवस्था के चलते ज्यादातर खिलाड़ियों को रोटी नहीं मिल सकी।
अधपका भोजन दे सकता है नुकसान
खिलाड़ियों को जिस तरह से अधपका भोजन परोसा गया और भोजन को तैयार कर शौचालय में फर्श पर ही रख दिया गया। ऐसे भोजन से खिलाड़ियों की तबीयत भी खराब हो सकती थी, जिसका कोई ध्यान आयोजकों द्वारा नहीं रखा गया।
300 से अधिक खिलाड़ी, भोजन पकाने वाले मात्र दो
प्रतियोगिता में प्रदेश भर से 300 से अधिक खिलाड़ी और करीब दो दर्जन ऑफिशियल पहुंचे हैं, जिनके लिए भोजन तैयार करने को मात्र दो कारीगर लगे नजर आए। इनमें एक व्यक्ति रोटियां बेलकर तवे पर डाल रहा था और दूसरा उन्हें चिम्टे से उठाकर सेंक रहा था। यही वजह रही कि ज्यादातर खिलाड़ियों के हिस्से में रोटी नहीं आ सकी।
चावल खराब गुणवत्ता के आ गए थे, जो पकाने में ठीक से गले नहीं। ऐसे में चावलों को तुरंत दुकान पर वापस भेजकर नए चावल मंगवाए गए। रही बात रोटियां कम पड़ने की तो भोजन दो बजे शुरू होना था, लेकिन खिलाड़ी समय से पहले एक साथ पहुंच गईं, जिसकी वजह से थोड़ी अव्यवस्था रही, लेकिन भविष्य में इसका ख्याल रखा जाएगा।