शर्तिया बेटा होने का झांसा दे महिला से बनाए 10 दिन संबंध, खुद की हैं पांच बेटियां

 

 

खिंदौड़ा गांव में शर्तिया बेटा होने का झांसा देकर तांत्रिक गफ्फार (55) ने झाड़-फूंक के बहाने दस दिन तक बंधक बनाकर महिला के साथ दुष्कर्म किया। उसे रोज यह धमकी देकर डराया कि अगर किसी से दुष्कर्म का जिक्र भी किया तो उस पर जिन्न छोड़ देगा। बंधन मुक्त होते ही महिला ने साहस दिखाते हुए उसके खिलाफ निवाड़ी थाने में एफआईआर दर्ज करा दी। पुलिस ने बुधवार को उसे गिरफ्तार कर कोर्ट में पेश किया। वहां से उसे जेल भेज दिया गया।

मेरठ के परतापुर निवासी महिला ने एफआईआर में बताया कि उसकी शादी को छह साल हुए हैं। पति मजदूरी करता है। उनकी चार साल की एक बेटी है। परिवार के लोग चाहते थे कि दूसरी संतान बेटा होना चाहिए। कुछ दिन पहले तांत्रिक गफ्फार के एक जानकार ने उसके बारे में बताया और दावा किया कि वह ताबीज देगा जिसे पहनने से शर्तिया बेटा होता है। उसकी बातों में आकर नौ सितंबर को वह पति के साथ गफ्फार से मिलने पहुंची।

उसने ताबीज देकर कहा कि झाड़-फूंक से उनकी गरीबी दूर कर देगा और अगली संतान बेटा ही होगा। महिला से कहा कि उसे तंत्र-मंत्र की क्रियाओं के लिए उसी के पास रुकना होगा। पति को वहां से भेज दिया। महिला ने पुलिस को बताया कि पति के जाते ही गफ्फार ने उसे बंधक बना लिया और फिर दस दिन तक रोज दुष्कर्म किया। उसने उससे झूठ बोला कि वह किसी से कुछ नहीं कहेगी, तब उसे छोड़ा। एसपी देहात डॉ. इरज राजा ने बताया कि तांत्रिक गफ्फार को पूछताछ के बाद जेल भेज दिया गया।

बेटा होने का ताबीज देता था, खुद की हैं पांच बेटियां

पुलिस पूछताछ में तांत्रिक गफ्फार ने बताया कि वह आठवीं फेल है। उसकी छह संतानों में पांच बेटियां और एक बेटा है। पत्नी उससे अलग रहती है। वह तंत्र-मंत्र से बेरोजगारों को रोजगार दिलाने, नि:संतानों के संतान होने, शर्तिया बेटा होने का दावा करता था। शर्तिया बेटा के लिए उसके पास ज्यादा लोग आते थे। उनसे वह शुरू में 200-300 रुपये ही लेता था। इसके बदले ताबीज देता था। वह कोई तंत्र-मंत्र नहीं जानता है। महिलाओं से कहता था कि बेटा होने पर उसके पास आना होगा। जिस महिला के बेटा हो जाता था, उसे यह कहकर डराता था कि अगर तंत्र-मंत्र नहीं किया तो बच्चा बचेगा नहीं। उससे तंत्र-मंत्र के नाम पर मोटी रकम लेता था। उसने बताया कि बेटे के लिए महिलाओं से जैसा कहता था, वैसा ही करती थीं और चुप रहती थी। यह पहला मौका है जब महिला उसके डराने पर डरी नहीं और पुलिस को तहरीर दे दी।

हर साल बदल देता था ठिकाना

पुलिस ने बताया कि गफ्फार का ठिकाना एक साल पहले झब्बार गांव में था। इससे पहले मुरादनगर में था। वह हर साल ठिकाना बदलता था। उसने चार पहले मजदूरी छोड़कर तंत्र-मंत्र शुरू किया था। उसका खुद का बेटा मजदूरी करता है लेकिन गरीब और मजदूर उसके पास गरीबी दूर कराने आते थे। कोरोना काल में उसके पास आने वाले लोगों की संख्या बढ़ गई। उसने पुलिस को बताया कि कई लोग उसके पास डॉक्टर की दी हुई दवा लेकर आते थे। वह 100 रुपये लेकर उसमें फूंक मार देता था। लोग समझते थे कि फूंक से ही दवा असर करती है।
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