नदियों पर निर्भर जीवन, प्रदूषित होने से रोके: रमाशंकर – विश्व नदी दिवस की पूर्व संध्या पर हुई सरित गोष्ठी

फतेहपुर। गोपालगंज स्थित सर्वाेदय इंटर कॉलेज में गंगा समग्र की ओर से विश्व नदी संरक्षण दिवस की पूर्व संध्या पर सरित गोष्ठी का आयोजन किया गया। मुख्य वक्ता के रूप में गोष्ठी को संबोधित करते हुए गंगा समग्र के राष्ट्रीय मंत्री रामाशंकर सिन्हा ने उपस्थित लोगों से आवाहन करते हुए कहा कि यह विडंबना ही है कि हमारी पवित्र आस्था और संस्कृति से जुड़ी नदियां प्रदूषित हो रही हैं। आज भारत की नदियां दुनिया मे सबसे ज्यादा प्रदूषित हो गई हैं। दिल्ली में यमुना, कानपुर में गंगा एवं मुंबई में मीठी नदी अत्यंत प्रदूषित हो चुकी हैं। इन नदियों का पानी ही नहीं बल्कि आसपास की भूमि भी बंजर बनती जा रही है। इससे देश की अर्थव्यवस्था एवं नागरिकों के स्वास्थ्य पर विपरीत प्रभाव पड़ रहा है। एक तरफ नदियों को माता कह कर पूजा जाता है दूसरी ओर उनमें सीवर, कचरा औऱ शव डाले जाते है। ऐसे में नदी को पूजने और पवित्र कहने का कोई अर्थ नहीं रह जाता। हम नदियों को प्रदूषित करने का कारक बनते हैं तो कर्मकांडों से हमे खुशी नहीं मिलने वाली।
गंगा समग्र के प्रांत संयोजक राजेश कुमार ने कहा कि विश्व नदी संरक्षण दिवस तभी सार्थक होगा जब हम वर्षा जल का संरक्षण करें और गड्ढे तालाब, पोखर झीलों आदि का बचाव करके उन्हें जीवित रख सकें। जिला संघचालक राम प्रकाश गौतम की अध्यक्षता में हुए कार्यक्रम का समापन धन्यवाद ज्ञापन के साथ विद्यालय के प्रधानाचार्य जवाहर सिंह राठौर ने नदियों को आपस में जोड़ने की पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेई की योजना को उद्धृत करते हुए सभी का आभार व्यक्त किया। कार्यक्रम में प्रांत सह संयोजक अजमेर सिंह, प्रांत कार्यकारिणी सदस्य प्रवीण पाण्डेय, जिला संयोजक अरुण कुमार सिंह, सह संयोजक संतोष तिवारी, धीरज राठौर, मनीष बाजपेई, रामनारायण आचार्य आदि उपस्थित रहे। कार्यक्रम का संचालन गंगा समग्र के जैविक कृषि आयाम के प्रांत प्रमुख कुलदीप सिंह भदौरिया ने किया।

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