पूरे राज्य में बारिश ने बरपाया कहर, अब तक 20 की मौत, चारों तरफ सिर्फ पानी ही पानी

 

 

लखनऊ. वैसे तो मॉनसून की विदाई का वक्त करीब है, पर जाते-जाते मानसून इतना भारी पड़ेगा किसी ने नहीं सोचा था. कहीं आफत की बारिश है तो कहीं बाढ़ से तबाही, पश्चिमी उत्तर प्रदेश से लेकर पूर्वांचल तक जिधर भी नजर जाती है सिर्फ पानी ही पानी. पिछले गुरुवार से हो रही मूसलाधार बारिश रुकने का नाम नहीं ले रही है. लगातार हो रही बारिश से उत्तर प्रदेश के शहरों की ही नहीं, गांव की भी सूरत बदल गई है. स्मार्ट सिटी के नाम पर स्मार्ट होने का सपना संजोए शहर हो या फिर गांव, सब लबालब पानी से भरे पड़े हैं. सड़कों पर गाड़ियां डूबी हुई हैं और लोग घरों से पानी निकालने को मजबूर हैं.

जल रूपी आसमानी आफत का ऐसा कहर बरपा है कि कई शहरों में मकान जमींदोज हो गए हैं. अब तक हुए हादसों में 20 से ज्यादा लोगों की जान जा चुकी है. ग्रामीण इलाकों में किसानों के सामने फसल को लेकर अलग संकट पैदा हो गया है. यूपी में एक छोर सहारनपुर से लेकर गाजियाबाद, नोएडा, आगरा, अलीगढ़, फिरोजाबाद होते हुए पूर्वांचल के बस्ती, वाराणसी तक सब जगह कमोबेश एक ही हाल है. कई जिलों में स्कूलों की छुट्टियां कर दी गई हैं और प्रशासन लोगों की मदद के लिए लगातार प्रभावी कदम उठा रहा है. पश्चिमी यूपी के आठ जिलों में बारिश का असर ज्यादा देखा जा रहा है. पूर्वांचल की बात करें तो गोरखपुर, बस्ती, अयोध्या, गोंडा, बाराबंकी, संतकबीर नगर बाढ़ से ज्यादा प्रभावित हैं, इन क्षेत्रों का हाल खुद उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने हवाई सर्वे कर देखा है और अधिकारियों को निर्देश दिए हैं.

20 सालों का रिकॉर्ड
पिछले 24 घण्टों की बारिश में पश्चिमी यूपी के गढ़ मेरठ ने बारिश के पिछले 20 साल का रिकॉर्ड तोड़ दिया है. सितंबर में अब तक 190 एमएम बारिश हुई है. मेरठ के किसान नरेश ने बताया कि धान की पकी फसल के साथ गन्ने और मक्के की फसल को काफी नुकसान पहुंच रहा है. एनसीआर के क्षेत्र नोएडा और गाजियाबाद में तो इंद्रदेव रुकने का नाम ही नहीं ले रहे हैं. रुक-रुक कर लगातार बारिश का सिलसिला जारी है. सरकारी दफ्तरों का तो इतना बुरा हाल है कि चारों ओर सिर्फ पानी ही पानी नजर आ रहा है. प्राधिकरण के अफसर जल निकासी के इंतजाम करने में लगे हुए हैं.

उधर, आगरा, अलीगढ़, बुलंदशहर की बात करें तो प्रमुख चौराहों और सड़कों पर घुटने भर पानी दिखाई दे रहा है. कई जगहों पर पुराने और जर्जर मकान जमींदोज हो गए हैं. अलीगढ़ निवासी राजेश मित्तल बताते हैं कि कई सालों बाद आंखों से पूरे अलीगढ़ को डूबते हुए देख रहे हैं. उन्होंने बताया कि इतनी बारिश इससे पहले कभी नहीं हुई कि हर जगह 4 से 5 फीट तक पानी भर जाए. प्रयागराज में भी भारी बारिश के चलते उच्च न्यायालय के कोर्ट रूम तक पानी भर गया है, जिसके बाद सब लोग वहां फाइलों को समेटने में लग गए हैं. इस बार बुंदेलखंड में भी बारिश ने काफी तबाही मचाई है. सबसे ज्यादा नुकसान हमीरपुर और झांसी जिले में हुआ है. हमीरपुर में कई पुराने मकान ढह गए हैं. जिसके चलते कई परिवारों के सामने रोजी-रोटी का संकट खड़ा हो गया है.

सरयू खतरे के निशान से ऊपर
अयोध्या में सरयू नदी खतरे के निशान से लगातार ऊपर बह रही है, जिससे उसके आसपास वाले इलाकों में बाढ़ की स्थिति उत्पन्न हो गई है. बाढ़ग्रस्त क्षेत्रों में राहत और बचाव के लिए उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने अफसरों को आदेश जारी कर दिए हैं. कई जगहों पर ग्रामीण इलाकों में मुख्य मार्गों से संपर्क कट गया है, जिससे लोगों को आने जाने में दिक्कतों का सामना करना पढ़ रहा है. वाराणसी की बात करें तो घाटों पर पानी का सैलाब ही दिखाई पड़ रहा है, इसके चलते कई बार गंगा आरती के स्थान को भी परिवर्तित किया जा चुका है. मौसम विभाग का कहना है कि मानसून की विदाई में अभी थोड़ा वक्त है. आने वाले 2- 3 दिन और बारिश होने की उम्मीद है.

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