फतेहपुर। इस्लामिक महीने रबीउल अव्वल की आज पहली तारीख है। यानी मोहर्रम खत्म होने में एक सप्ताह बाकी है। दो महीने आठ दिन तक शिया समुदाय हज़रत इमाम हुसैन अ.स की याद में गम मानते हैं। आज अलीगंज में जाफर हैदर खुशरू के यहां से अलविदाई मजलिस के बाद जुलूस निकला। जुलूस में अलम, ताज़िया और ताबूत निकाला गया। शहर के मुकामी नौहाख्वानों ने नौहे पढ़े। अली, समीर, मोहम्मद, ज़की और जुगनू ने नौहाख्वानी की। जुलूस अपने मुकामी रास्ते से होता हुआ अलीगंज की कर्बला पहुंचकर समाप्त हुआ। तबर्रुक में बंद और चाय अज़ादारों को तकसीम किया गया।
जुलूस में सैकडों अज़ादारों ने शिरकत की। जिसमें बशीर हुसैन, यूसुफ हैदर, फसानत हुसैन, जुगनू नवाब, फरहत अली, रज़ा हुसैन, गुफरान नक़वी, जाफर ज़ैदी, सदफ अली, अमन, रमीज, सोनू, शाने, बाबू, समीर सहित सैकडों अज़ादार जुलूस में मौजूद रहे। बता दें कि 22 सफर से अलीगंज के खुशरू के यहां से एक रबीउल अव्वल तक दस दिन मजलिस हुई। जिसको जनाब मौलाना अली रज़ा अशतर चंदन पट्टी बिहार ने खिताब फरमाया। उन्होंने खिताबत के दौरान फरमाया कि अहलेबैत की मुहब्बत के बिना आपकी नमाज़, रोज़ा, हज, ज़कात सब बेकार है। अहलेबैत से मुहब्बत ही आपके जहन्नम और जन्नत का पैमाना तय करेगी। सिर्फ मौला को मानना ही काफी नहीं है उनकी मानना भी है।