आयुष्मान योजना में राज्य स्वास्थ्य स्कीम के तहत उत्तराखंड के एक लाख पेंशनरों और उनके आश्रितों को फिर से कैशलेस इलाज की सुविधा मिलेगी। एक अक्तूबर से गोल्डन कार्ड पर उन्हें योजना में असीमित खर्चे पर किसी भी सूचीबद्ध अस्पताल में इलाज उपलब्ध होगा। अक्तूबर में मिलने वाली पेंशन से पिछले नौ माह के अंशदान की कटौती की जाएगी। प्रदेश के 16800 पेंशनरों ने आयुष्मान योजना से बाहर होने का विकल्प दिया है।
सरकार ने जनवरी 2021 से आयुष्मान योजना में प्रदेश के राजकीय कर्मचारियों, पेंशनरों और उनके आश्रितों को गोल्डन कार्ड पर कैशलेस इलाज की सुविधा शुरू की थी। जिसमें कर्मचारियों व पेंशनरों के लिए इलाज पर होने वाले खर्च की कोई सीमा नहीं है। योजना में सूचीबद्ध प्रदेश व देश के किसी भी बड़े अस्पताल में असीमित खर्चे पर इलाज की सुविधा दी गई है। लेकिन इसके एवज में कर्मचारियों व पेंशनरों से प्रतिमाह अंशदान लिया जाता है।
योजना में कैशलेस इलाज के लिए पेंशन से अंशदान की कटौती करने पर कुछ पेंशनरों ने हाईकोर्ट में याचिका दायर की थी। जिस पर हाईकोर्ट ने सरकार को आदेश दिए थे कि जो पेंशनर योजना का लाभ नहीं लेना चाहते हैं, उनके मौका दिया जाए। इस पर सरकार ने दिसंबर 2021 से पेंशनरों से अंशदान की कटौती बंद कर दी है। साथ ही दो बार पेंशनरों से योजना का लाभ लेने या न लेने का विकल्प मांगा था। विकल्प न देने वाले पेंशनर स्वत: ही योजना में शामिल माने गए। वहीं, 25 सितंबर 2022 तक प्रदेश के 16800 पेंशनरों ने योजना से बाहर होने का विकल्प दिया है।
योजना से बाहर होने वालों के लिए अब पूर्व की व्यवस्था
आयुष्मान योजना से बाहर होने वाले प्रदेश के 16800 पेंशनरों के लिए अब पूर्व की व्यवस्था लागू होगी। इन्हें चिकित्सा प्रतिपूर्ति की जाएगी। जिसके तहत इलाज के बिल संबंधित विभाग को देने होंगे, जिसके बाद विभाग पास कर शासन को भेजेगा और फिर चिकित्सा प्रतिपूर्ति की जाएगी।
अक्तूबर के पेंशन से होगी अंशदान की कटौती
कैशलेस इलाज की सुविधा शुरू करने के साथ ही सरकार की ओर से पेंशनरों को अक्तूबर में मिलने वाली पेंशन से जनवरी 2022 से सितंबर तक के अंशदान की कटौती की जाएगी। हाईकोर्ट के आदेश पर सरकार ने दिसंबर 2021 में पेंशनरों से अंशदान की कटौती बंद कर दी थी।