नई दिल्ली: कर्नाटक विधानसभा चुनाव में अरविंद केजरीवाल की आम आदमी पार्टी (आप) को दिल्ली और पंजाब से बाहर पांव पसारने के प्रयासों को झटका लगा है और उसके सभी 29 प्रत्याशियों की जमानत जब्त हो गयी है. वहीं कर्नाटक विधानसभा चुनाव में भले ही किसी पार्टी को स्पष्ट बहुमत नहीं मिला हो, लेकिन 2013 के चुनाव से तुलना करें तो इस बार सबसे ज्यादा फायदे में बीजेपी रही और सबसे अधिक नुकसान कांग्रेस को हुआ है.
कर्नाटक की सरवगननगर विधानसभा सीट से कांग्रेस के दिग्गज के जे जॉर्ज के खिलाफ मैदान में उतरे कर्नाटक में आप के संजोजक पृथ्वी रेड्डी को 1,861 वोट मिले और वह चौथे स्थान पर रहे. 29 सीटों में से पार्टी ने बेंगलूरू में 18 सीटों पर और राज्य के अन्य हिस्सों में 11 सीटों पर अपने प्रत्याशी उतारे थे. योगेन्द्र यादव की अगुवाई वाली स्वराज इंडिया भी राज्य में 11 सीटों पर मैदान में थी. इसके प्रत्याशी दर्शन पुत्तन्नैयाह को मेलुकोटे सीट पर 73,779 वोट मिले और वह दूसरे स्थान पर रहे.
उधर, कांग्रेस इस बार 38 फीसदी वोटों के साथ 78 सीटें ही जीत पाई, हालांकि पिछले विधानसभा चुनाव में उसे 36.6 फीसदी वोटों के साथ उसने 122 सीटें जीती थीं. बीजेपी ने इस बार अपनी सीटों की संख्या में ढाई गुना से भी ज्यादा बढ़ोतरी की है. इस बार बीजेपी को 36.2 फीसदी वोटों के साथ 104 सीटें हासिल हुई हैं, जबकि 2013 के चुनाव में उसे सिर्फ 20 फीसदी वोट मिले थे और उसने 40 सीटें जीती थीं.
सीटों और मत प्रतिशत के हिसाब से देखें तो जदएस के प्रदर्शन पर कोई खास फर्क नहीं पड़ा है. इस बार जदएस को 18.5 फीसदी वोटों के साथ 37 सीटें मिली हैं. 2013 में उसे करीब 20 फीसदी वोटों के साथ 40 सीटें मिली थीं.