नई दिल्ली : सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों के कर्मचारियों व अफसर 30 मई (बुधवार) से दो दिन की हड़ताल पर चले गए हैं. वेतन में केवल 2 फीसदी की बढ़ोतरी के विरोध में भारतीय बैंक संघ (IBA) ने यह हड़ताल बुलाई है. वेतन बढ़ाने पर 5 मई 2018 को बैठक में आईबीए ने दो प्रतिशत वृद्धि की पेशकश की थी. यह भी कहा गया कि अधिकारियों की मांग पर बातचीत केवल स्केल 3 तक के अफसरों तक सीमित रही. इस हड़ताल से मई के अंतिम दो दिन वेतन हस्तांतण जैसे बैंक भुगतान प्रभावित होंगे. साथ ही एटीएम पर नकदी का संकट भी खड़ा होने की आशंका है. बैंकरों ने कहा कि ऑनलाइन भुगतान प्रभावित नहीं होगा.
सरकारी योजनाओं के क्रियान्वयन से बढ़ा है काम का बोझ
यूनाइटेड फोरम व बैंक यूनियनों के संयोजक देवीदास तुलजापुरकर ने कहा, ‘ऐसा एनपीए के कारण हुआ है. इससे बैंकों को नुकसान हुआ है और इसके लिए कोई बैंक कर्मचारी जिम्मेदार नहीं है.’ उन्होंने कहा कि पिछले 3 साल में बैंक कर्मचारियों ने जन-धन, नोटबंदी, मुद्रा और अटल पेंशन योजना समेत सरकार की प्रमुख योजनाओं को लागू करने के लिये दिन-रात काम किया. इन सबसे उन पर काम का बोझ काफी बढ़ा है.