नई दिल्लीः आम आदमी पार्टी ने मंगलवार को भाजपा के आईटी सेल के प्रमुख द्वारा कर्नाटक चुनाव की तारीख़ों का ऐलान चुनाव आयोग से पहले ही करने का हवाला देते हुए आरोप लगाया कि निर्वाचन आयोग भाजपा के इशारे पर काम कर रहा है. आप के राज्यसभा सदस्य संजय सिंह ने कहा, ‘मौजूदा वक्त में चुनाव आयोग निष्पक्षता के साथ कार्रवाई नहीं कर रहा है, चाहे वो ईवीएम का मसला हो या फिर दिल्ली में 20 विधायकों का मामला हो या फिर गुजरात या हिमाचल की चुनाव तारीखों का मामला हो, कई बार तो चुनाव आयोग ने प्रधानमंत्री की रैलियों तक का इंतज़ार किया और उसके बाद ही चुनाव की तारीखों का ऐलान किया गया. मंगलवार जो घटना हुई उसने सारी सीमाओं को पार कर दिया है.’
उन्होंने कहा कि चुनाव की तारीखों का ऐलान चुनाव आयोग से पहले भाजपा आईटी सेल के प्रमुख अमित मालवीय कर देते हैं. आज भारतीय निर्वाचन आयोग की निष्पक्षता पर बहुत बड़ा सवालिया निशान लग गया है. अगर इस मामले में दोषियों के ख़िलाफ़ कोई कार्रवाई नहीं होती है तो 2019 के लोकसभा चुनाव निष्पक्ष नहीं हो पाएंगे.
सिंह ने आप के 20 विधायकों की सदस्यता के मामले में भी आयोग पर निशाना साधते हुए कहा कि तत्कालीन चुनाव आयुक्त ए के जोति ने सेवानिवृत्त होने से एक दिन पहले आप विधायकों को अयोग्य घोषित करने का फ़ैसला लिया था. वह पूरी तरह से भाजपा के इशारे पर ही हुआ था. सिंह ने देश के सभी विपक्षी दलों से मिलकर आवाज़ उठाने का आह्वान किया.
गौरतलब है कि मंगलवार सुबह 11 बजे मुख्य चुनाव आयुक्त ओपी रावत चुनाव की घोषणा को लेकर प्रेस कांफ्रेंस कर रहे थे, इसी दौरान अमित मालवीय ने ट्वीट कर दिया, ‘कर्नाटक में 12 मई को चुनाव होंगे, 18 मई 2018 को वोटों की गिनती होगी.’ हालांकि चुनाव आयुक्त ने घोषणा की है कि कर्नाटक में 12 मई को वोट डाले जाएंगे और 15 मई को वोटों की गिनती होगी.
इस मामले पर बीजेपी नेता और केंद्रीय मंत्री मुख्तार अब्बास नकवी ने बीजेपी आईटी सेल के प्रमुख अमित मालवीय का बचाव करते हुए कहा कि उन्होंने टीवी चैनल देखने के बाद यह ट्वीट किया. उन्होंने कहा कि मालवीय ऐसी कोई मंशा नहीं थी जिससे की चुनाव आयोग के कमतर दर्शाया जाए.