छत्तीसगढ़: प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने कांग्रेस नेता और छत्तीसगढ़ के पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के बेटे चैतन्य बघेल को ईडी ने अरेस्ट कर लिया है. उन्हें भिलाई स्थित उनके आवास से गिरफ्तार किया गया है.चैतन्य बघेल की यह गिरफ्तारी ऐसे समय पर हुई है, जब आज सुबह ईडी ने भूपेश बघेल के घर पर छापेमारी की. चैतन्य बघेल की यह गिरफ्तारी कथित शराब घोटाले से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग मामले में हुई है. चैतन्य का आज जन्मदिन भी है. बताया जा रहा है कि इस मामले में नए साक्ष्य मिलने के बाद ईडी ने पीएमएलए के तहत चैतन्य को गिरफ्तार किया है. ईडी ने शुक्रवार सुबह-सुबह भूपेश बघेल के बेटे चैतन्य के भिलाई घर पर छापेमारी की थी. ईडी की टीम तीन गाड़ियों में सुबह करीब 6:30 बजे मौके पर पहुंची और CRPF के सुरक्षा घेरे में घर की तलाशी शुरू की गई.
चार्जशीट 30 जून को दाखिल की गई: 7 जुलाई को आर्थिक अपराध अनुसंधान शाखा (EOW) ने शराब घोटाले में चौथी सप्लीमेंट्री चार्जशीट दाखिल की, जिसमें घोटाले की अनुमानित राशि को 2,161 करोड़ रुपये से बढ़ाकर 3,200 करोड़ रुपये बताया गया. यह चार्जशीट 30 जून को दाखिल की गई थी. इस केस में अब तक कुल पांच चार्जशीट दायर की जा चुकी हैं, जिनमें से तीन पहले दाखिल की जा चुकी थीं. इस घोटाले में 29 आबकारी अधिकारियों (जिला अधिकारी, सहायक आयुक्त, उप आयुक्त) को आरोपी बनाया गया है, जिनमें कुछ सेवानिवृत्त अधिकारी भी शामिल हैं.
कि राज्य में एक संगठित शराब सिंडिकेट काम कर रहा: ईडी की छत्तीसगढ़ में शराब घोटाले की जांच में बड़ा खुलासा हुआ है. जांच में सामने आया है कि राज्य में एक संगठित शराब सिंडिकेट काम कर रहा था, जिसमें अनवर ढेबर, अनिल टुटेजा और कई अन्य लोग शामिल थे. इस घोटाले से करीब 2161 करोड़ रुपये की अवैध कमाई (Proceeds of Crime) हुई. ED की जांच में यह भी पता चला है कि कवासी लखमा, जो तत्कालीन आबकारी मंत्री थे. उन्हें इस घोटाले से हर महीने मोटी नकद रकम दी जाती थी. यह रकम घोटाले से होने वाली कमाई से दी जाती थी. यह घोटाला साल 2019 से 2022 के बीच चला. इसमें अलग-अलग तरीके से अवैध कमाई की गई.