बिहार विधानसभा चुनाव 2025 में NDA ने धूम मचा दी. 243 विधानसभा सीट में कुल 202 सीटों पर कब्जा कर ऐतिहासिक जीत दर्ज की. इसके बावजूद बिहार की सियासी तस्वीर में एक चौंकाने वाला मोड़ आया है जहां बीजेपी, जो अकेली सबसे बड़ी पार्टी बनकर उभरी, कुछ क्षेत्रों में हार की मार झेल गई. कुल मिलाकर 101 सीटों में से 89 पर जीत दर्ज करने के बाद भी 12 ऐसे क्षेत्र रहे जहां बीजेपी का विजय रथ रुक गया. इन हारों में सबसे बड़ा अंतर 37,002 वोटों का था वहीं एक सीट ऐसी भी है जहां वोट का अंतर सिर्फ 30 है. बीजेपी जिन 12 सीटों पर चुनाव में जीत नहीं सकी उनमें से 4 सीट पर तो हार का अंतर 1,000 वोटों से भी कम रहा, जिसने इन नतीजों को बेहद रोमांचक बना दिया. वहीं 10 सीटों पर हार का अंतर 10,000 वोटों से कम रहा है. आइए जानते हैं कौन-कौन से जिले और विधानसभा क्षेत्र बीजेपी के लिए चुनौती बने और कैसे इस चुनावी जंग में खेल बिगड़ा. बिहार विधानसभा चुनाव 2025 में NDA गठबंधन ने प्रचंड जीत दर्ज कर इतिहास रच दिया है. भारतीय जनता पार्टी यानी BJP 101 सीटों पर चुनाव लड़कर 89 सीटों पर जीती और 88% के शानदार स्ट्राइक रेट के साथ बिहार की सबसे बड़ी पार्टी बनकर उभरी. लेकिन 3 ऐसी सीट हैं जहां बीजेपी को 300 से वोटों का हार का सामना करना पड़ा है. उनमें हैं-
रामगढ़ : रामगढ़ विधानसभा सीट पर बीजेपी के अशोक कुमार सिंह को बसपा (BSP) के अशोक कुमार सिंह ने केवल 30 वोटों के अंतर से हराया.
ढाका: इस विधानसभा सीट पर बीजेपी के पवन कुमार जायसवाल को राजद (RJD) के फैसल रहमान ने 178 वोटों के बेहद करीबी अंतर से हराया.
फारबिसगंज (सीमांचल): सीमांचल की इस सीट पर बीजेपी के विद्या सागर केशरी को कांग्रेस (Congress) के मनोज बिस्वास ने 221 वोटों के मामूली अंतर से हरा दिया.
चनपटिया (चंपारण): चंपारण की चनपटिया सीट पर भी मुकाबला कांटे का रहा जहां कांग्रेस के अभिषेक रंजन ने बीजेपी के उमाकांत सिंह को 602 वोटों से मात दी.
किस क्षेत्र में, कितने अंतर से हारे BJP के उम्मीदवार?: बीजेपी की ये 12 हार मुख्य रूप से सीमांचल, मिथिला-कोसी, और कुछ अन्य हिस्सों जैसे सारण, चंपारण, मगध, और तिरहुत डिवीजनों में बिखरी हुई थीं.
सीमांचल क्षेत्र में 4 हार: बिहार विधानसभा चुनाव में सीमानचल क्षेत्र में AIMIM के 5 सीट जीतने के बाद बीजेपी को 4 सीटों पर हार मिली है. फारबिसगंज में बीजेपी के विद्या सागर केशरी सिर्फ 221 वोटों से हार गए. किशनगंज में स्वीटी कुमारी को कांग्रेस के कमरुल होदा ने 12,794 वोटों से हराया. वहीं बायसी में AIMIM ने 27,251 वोटों के अंतर से जीत दर्ज की. कोचाधामन में बीजेपी की वीना देवी तीसरे स्थान पर रही, AIMIM और RJD के पीछे, 37,002 वोटों के अंतर से यह सबसे बड़ी हार रही.
मिथिला-कोशी में 2 हारें: सहारसा और बिस्फी में बीजेपी को जीत नहीं मिल पाई. बिस्फी में आसिफ अहमद (RJD) ने भाजपा के हरिभूषण ठाकुर को 8,107 वोटों से हराया. साहरसा में IIP (महागठबंधन सहयोगी) ने 2,038 वोटों के अंतर से जीत दर्ज की.
छह सीटें अन्य क्षेत्रों में हार: 6 हारें सारण, छपरा, मगध और तिरहुत क्षेत्रों में आईं.
ढाका : ढाका सीट पर बीजेपी को 178 वोटों से हार मिली. इस सीट पर RJD ने जीत दर्ज की.
रामगढ़ : इस सीट पर बीजेपी को 30 वोटों हार मिली, यह सीट BSP के खाते में चली गई.
राघोपुर: RJD के तेजस्वी यादव की सीट की सीट, यहां बीजेपी के सतीश कुमार को 14,532 वोटों से हार मिली.
चैनपटिया: बीजेपी के उमाकांत सिंह को 602 वोटों से हार मिली.
गोह : RJD के अमरेंद्र कुमार ने 4,041 वोटों से जीत दर्ज की.
वारसलीगंज: RJD प्रत्याशी अनिता ने 7543 वोटों के अंतर से जीत दर्ज की है. उन्होंने BJP उम्मीदवार अरुणा देवी को हराया. भले ही बीजेपी अकेली सबसे बड़ी पार्टी बनी लेकिन हार का ये आंकड़ा दिखाता है कि कुछ क्षेत्रों में विरोधी गठबंधन और मुस्लिम/यादव आबादी वाले इलाकों में मुकाबला बेहद कड़ा रहा. NDA के दूसरे सहयोगी भी शानदार प्रदर्शन में रहे-
JD(U)-85/101 सीटें जीत, 84% स्ट्राइक रेट
LJP(RV)- 19/23, 83%
HAM(S)- 5/6, 83%
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