सैन फ्रांसिस्को । सोशल साइट फेसबुक यूजर का डेटा सुरक्षित रखने में लापरवाही बरतने के लिए पहले ही आलोचनाओं का सामना कर रही है। अब उसने अपने सोशल नेटवर्क से इतर भी लोगों से जुड़ी जानकारियां जुटाने की बात मानी है। सोशल साइट ने बताया है कि उसे यह जानकारी कैसे मिलती है।
जुकरबर्ग के बयान का विस्तृत ब्योरा देते हुए फेसबुक के प्रोडक्ट मैनेजमेंट निदेशक डेविड बसर ने कहा, ‘जब भी कोई यूजर हमारी सेवाओं का इस्तेमाल करने वाली किसी साइट या एप को खोलता है तो हमें उस यूजर की जानकारी स्वत: ही मिल जाती है। कई मामलों में अगर यूजर ने फेसबुक से लॉग आउट कर दिया है या उनके पास फेसबुक अकाउंट नहीं है तब भी हमें उनकी जानकारी मिल जाती है।’
बसर ने बताया कि गूगल और ट्विटर समेत कई कंपनियां ऐसा करती हैं। कैसे होता है डेटा इकट्ठा कई वेबसाइट और एप अपने कंटेंट या विज्ञापन को ज्यादा से ज्यादा लोगों तक पहुंचाने के लिए फेसबुक का सहारा लेते हैं। बसर का कहना है, लाइक, शेयर या फेसबुक एनालिटिक्स का इस्तेमाल करने वाले एप और साइट हमें यूजर की जानकारी भेजते हैं।
ऐसा इसलिए किया जाता है ताकि हम उनके कंटेंट को बेहतर कर सकें। यूजर के फेसबुक से लॉग आउट होने या अकाउंट नहीं होने पर भी हमें उनकी जानकारी मिलती है क्योंकि साइटों को पता नहीं होता कि कौन फेसबुक इस्तेमाल करता है और कौन नहीं। कहां होता है इस डेटा का इस्तेमाल फेसबुक ने बताया कि जानकारियों का इस्तेमाल तीन तरीकों से किया जाता है।
पहला, एप और वेबसाइट को फेसबुक की सुविधाएं उपलब्ध कराने के लिए, दूसरा फेसबुक की सुरक्षा बढ़ाने और तीसरा उनके प्रोडक्ट और सर्विस को बेहतर बनाने के लिए। बसर ने हालांकि यह भी जोड़ा कि किसी भी सूरत में यूजर का डाटा नहीं बेचा जाता।