हरियाणा के पलवल में रहने वाले तौफीक को पुलिस ने पाकिस्तान के लिए जासूसी करने के आरोप में गिरफ्तार किया। उस पर पाकिस्तानी एम्बेसी के अधिकारियों के साथ जानकारी साझा करने का आरोप लगा। इसके दो दिन बाद ही 27 सितंबर को पलवल से ही दूसरी गिरफ्तारी वसीम अकरम की हुई। उस पर भी जासूसी के ही आरोप लगे।
एक महीने बाद भी तौफीक और वसीम दोनों जेल में हैं। इनकी गिरफ्तारी के बाद भी पाकिस्तानी एम्बेसी के उसी अधिकारी दानिश का नाम सामने आया, जिसे मई में भारत सरकार ने देश छोड़ने का आदेश दिया था। उस पर ISI एजेंट होने का आरोप लगा था।
तौफीक के परिवार का कहना है कि फोन में कुछ पाकिस्तान में मौजूद रिश्तेदारों के नंबर हैं। उनसे कभी-कभी बात करता था। इसके अलावा उसका वहां से कोई लेना-देना नहीं है। वहीं वसीम के परिवार का कहना है कि पाकिस्तान के पंजाब प्रांत के कसूर में उनकी रिश्तेदारियां हैं। पाकिस्तान में उन्हीं से मिलने गया था और पुलिस ने जासूस बना दिया।
इस साल मई में हरियाणा से 6 लोगों को इन्हीं आरोपों में गिरफ्तार किया गया था। इनमें सबसे चर्चित नाम हिसार की ज्योति मल्होत्रा का है। ये सभी गिरफ्तारियां पहलगाम हमले के बाद भारत की तरफ से किए गए ऑपरेशन सिंदूर के बाद हुई थीं। इनमें सिर्फ हरियाणा सिख गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी के सुपरवाइजर हरकीरत सिंह को छोड़ दिया गया। बाकी आरोपी अब भी जेल में हैं और पुलिस की जांच जारी है।
तौफीक और वसीम के परिवार से बात करने दैनिक भास्कर की टीम पलवल पहुंची। हमने पाकिस्तानी दूतावास में अधिकारियों से उनके कथित संबंधों और जासूसी के आरोपों को भी समझने की कोशिश की।
25 सितंबर को पलवल से तौफीक को गिरफ्तार किया गया। वो आली मेव गांव का रहने वाला है और 12वीं तक पढ़ा है। एक साल का कंप्यूटर कोर्स भी किया है। तौफीक तहसील में लोगों के ड्राइविंग लाइसेंस, आधार कार्ड बनवाना और ऐसे ही दूसरे काम किया करता था। इसके अलावा हफ्ते में दो दिन कैब भी चलाता था।
तौफीक की गिरफ्तारी पर उसके पिता निसार सवाल उठाते हुए कहते हैं, ‘एक आम आदमी भला ऐसी क्या सूचना दे देगा। हिंदुस्तान से तो लोग अब पाकिस्तान नहीं जा रहे हैं, लेकिन जिनकी वहां रिश्तेदारी है, वो लोग तो आना-जाना करते ही रहे हैं। 2022 में तौफीक अपने ससुराल वालों के साथ पाकिस्तान गया था। वहां उसकी सास के रिश्तेदार हैं। वहां करीब 10-15 दिन रहा था।‘
‘उसके फोन में पाकिस्तान में मौजूद रिश्तेदारों के भी नंबर हैं। उनसे कभी-कभी बात करता था। इसके अलावा उसका वहां से कोई लेना-देना नहीं है। पाकिस्तान एम्बेसी में जिस व्यक्ति से संपर्क की बात हो रही है, वो तो वीजा लगवाता था। किसी को वीजा बनवाना है तो उसके पास ही जाएगा। सरकार ने उसी काम के लिए उसे वहां बैठा रखा है।‘
निसार सवाल करते हैं कि तौफीक कोई पुलिस वाला या सेना का जवान नहीं जो कोई सूचना दे देगा, वो भला क्या जानकारी दे सकता है। वे सरकार से मांग करते हैं कि तौफीक के मोबाइल में अगर कुछ है तो जल्द उसकी जांच कराई जाए। अगर कुछ मिला तो वो जुर्म का हकदार होगा, अगर कुछ नहीं है तो ऐसा अन्याय भी नहीं होना चाहिए कि एक आम आदमी को बेरोजगार कर दिया जाए।
तौफीक के 5 बच्चे हैं। उसकी पत्नी ताहिरा भावुक होकर कहती हैं, ‘मेरे नाना पाकिस्तान में रहते हैं। 2022 में वे बीमार थे, इसलिए मेरी अम्मी के साथ तौफीक पाकिस्तान गए थे।‘
उनके भाई मोहम्मद मुफीक कहते हैं, ‘चूंकि तौफीक कभी-कभी कैब भी चलाया करते हैं, इसलिए उनकी लोकेशन दिल्ली में पाकिस्तानी दूतावास के आसपास की मिली है। इस आधार पर पुलिस कह रही है कि वो 30 बार दूतावास गया है, जबकि वो सिर्फ तीन बार वीजा के काम से गया था। वो कुछ समय के लिए काम करने सऊदी अरब भी गया था। पुलिस कह रही थी कि वो सऊदी भी गया है तो क्या वहां जाना गुनाह है?‘
‘मेरे भाई ने बताया कि उसने सिर्फ वीजा लगवाने के लिए करीब 30 हजार रुपए दिए थे। मेरे भाई ने पुलिस वालों के सामने साफ बोला कि मैंने अगर कुछ भी देश विरोधी काम किया हो और फोन में अगर ऐसा कोई सबूत मिले तो आप मुझे फांसी पर चढ़ा देना। पुलिस को सबूत देना चाहिए कि उसने ऐसा क्या किया है। बिना कोई सबूत दिए बंद नहीं करना चाहिए।‘27 सितंबर को पलवल के ही कोट गांव के रहने वाले वसीम अकरम को गिरफ्तार किया गया। वसीम ने रोहतक के एक कॉलेज से बी.टेक किया है। परिवार वालों के मुताबिक, वो जमीन से जुड़े काम करता था। साथ में ‘MeoSaabOfficial’ नाम से अपना यूट्यूब चैनल भी चलाता था। फिलहाल ये चैनल ओपन नहीं हो रहा है।
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