वाशिंगटन । विश्व बैंक ने विद्युतीकरण में भारत के काम को अत्यंत बेहतर माना है। देश की लगभग 85 फीसद आबादी तक बिजली पहुंच चुकी है। 2010 और 2016 के बीच भारत में हर साल तीन करोड़ लोगों को बिजली मुहैया कराई गई। यह अन्य किसी भी देश के मुकाबले काफी ज्यादा है। इसके साथ ही वैश्विक संस्था ने सरकार को इससे जुड़ी चुनौतियों की भी याद दिलाई।
विश्व बैंक ने इसी सप्ताह जारी अपनी रिपोर्ट में यह कहा है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने देश के सभी गांवों तक बिजली पहुंचा देने की घोषणा की है। इस घोषणा के बाद जारी विश्व बैंक की रिपोर्ट से उसकी पुष्टि होती है।विश्व बैंक की प्रमुख ऊर्जा अर्थशास्त्री विविएन फोस्टर ने कहा कि 1.25 अरब की आबादी वाले देश में शेष 15 फीसद को बिजली मुहैया कराने की चुनौती बनी हुई है। भारत 3030 तक बिजली पहुंचाने का वैश्विक लक्ष्य साध लेगा।उन्होंने कहा कि आंकड़ा भारत सरकार के आंकड़े से भी कहीं ज्यादा है। इससे आपको हैरत हो सकती है।
गांव-गांव में बिजली पहुंचाने के बाद अब मोदी सरकार हर घर तक बिजली पहुंचाने का काम कर रही है। सरकार की सौभाग्य योजना में गरीब परिवारों को मुफ्त बिजली कनेक्शन दिया जा रहा है। सरकार का दावा है कि दिसंबर 2018 तक देश के सभी घर बिजली से रोशन होंगे। इससे पहले भी वर्ल्ड बैंक की तरफ मोदी सरकार की सराहना की जा चुकी है।
सरकार वर्तमान में 80 फीसद आबादी तक बिजली पहुंचने की जानकारी दे रही है। विश्व बैंक की कार्य प्रणाली घरों के सर्वे पर आधारित है। इसमें उन्हें भी शामिल किया जाता है जो ऑफ ग्रिड हैं। जबकि सरकार का आंकड़ा अधिकृत रूप से लिए गए संपर्क पर आधारित है।फोस्टर ने कहा कि कुल मिलाकर भारत किसी अन्य देश की तुलना में कहीं ज्यादा विद्युतीकरण कर रहा है। हालांकि भारत इसकी गति के मामले में बांग्लादेश और केन्या से पीछे चल रहा है। लेकिन भारत अब विद्युतीकरण के अंतिम चरण में प्रवेश कर चुका है।