बिंदकी, फतेहपुर। भूमि सुपोषण कार्यशाला में कृषि वैज्ञानिकों ने किसानों को आवश्यक जानकारी दी। बताया कि रासायनिक का उपयोग कम से कम करें और प्राकृतिक खाद गोबर आदि का उपयोग करें। ताकि खेत की उर्वरक क्षमता बनी रहे। खेत की मिट्टी को कोई नुकसान न हो। मलवां विकास खंड के अदमापुर व कोरसम गांव के समीप रविवार को एक गार्डेन में किसान विकास सदन ने भूमि सुपोषण कार्यशाला का आयोजन किया। किसानों को कार्बनिक खेती की तकनीक से अवगत कराया। मुख्य वक्ता कृषि वैज्ञानिक रमेश गुंदल ने किसानों को संबोधित करते हुए कहा कि रासायनिक खादो पर अधिक निर्भर होने के कारण किसानों ने प्राकृतिक संसाधनों का उपयोग कम कर दिया है। उन्होंने कहा कि अधिक उत्पादन के लिए खेती की बिगड़ती संरचना को सुधारना आवश्यक है। वक्ताओं ने कहा कि रासायनिक खादों के अधिक प्रयोग से भूमि का पोषण प्रभावित हो रहा है। फसल का उत्पादन भी इससे कम हो रहा है। इस मौके पर कृषि विशेषज्ञ डॉक्टर नीरज शर्मा, डॉक्टर सोमवीर शर्मा ने भी किसानों को संबोधित करते हुए आवश्यक जानकारी दी। इस मौके पर प्रगतिशील किसान रमाकांत त्रिपाठी, रविंद्र पाल सिंह, कार्यक्रम के आयोजक जनसेवक आशीष सिंह के अलावा कुबेर सिंह, नवीन सिंह, कुलदीप साहू, विजेंद्र सिंह, संगम सिंह, ऋषभ सिंह और पप्पू सिंह भी मौजूद रहे।