जबलपुर, ०८ जून ०६ जून २०१७ को मंदसौर में किसानों पर गोली चलाकर हत्याकांड कराने वाली शिवराज सरकार की किसान विरोधी नीतियों के विरूद्ध विगत १० जून २०१७ को ‘जय रेवाखंड’ के वसन्ती ध्वज तले २५०० किसानों ने प्रदेश में पहली गिरफ्तारियां जबलपुर में देकर अत्याचारी सरकार को खुली चुनौती दी थी। उसके बाद पूरे वर्ष एक गांव से दूसरे गांव ‘रोटी और पानी’ भेजने का क्रम ‘जय रेवाखण्ड’ द्वारा चलाया गया, जिसमें अब तक किसान विद्रोह की रोटी और पानी एक गांव से दूसरे, दूसरे से तीसरे तक एक अंतहीन सिलसिला चलता रहा। पानी केन्द्र और म.प्र. की किसान विरोधी मोदी और शिवराज सरकारों को उखाड़ फेंकने के लिए और ‘रोटी’ जाति, सम्प्रदाय, धर्म से परे किसानों को एक सूत्र-एक परिवार में संजोने के लिए भेजी जा रही थी। जब तक स्वयं किसान के हाथ में केन्द्र और राज्य की सत्ता के सूत्र नहीं होंगे, तब तक किसान की स्थिति सुधारने की नीतियां नहीं बन सकेंगी।
२०१८ में म.प्र. में और २०१९ में केन्द्र में किसकी सत्ता होगी, यह अब किसान त्रिवेदी तथा अध्यक्ष अधिवक्ता आशीष त्रिवेदी ने पत्रकारों से चर्चा करते हुए कहा कि देश में किसानों की दुर्दशा का पहला प्रमुख कारण है, खेती में लगने वाली लागत और श्रम का मूल्य तक उसे प्राप्त नहीं होता है। सरकार की दुरंगी नीति के कारण अनाज या सब्जी या फल का उत्पादन तो किसान करता है, पर उसकी कीमत किसान नहीं सरकार तय करती है। एमएसपी अर्थात् न्यूनतम समर्थन मूल्य का सिद्धांत ही किसानों के साथ धोखा है, उनकी गरीबी और मजबूरी का फायदा उठाकर उसे लूटने की नीति है। सरकार जानती है कि एक फसल बोने के बाद दूसरी फसल बोने के लिए किसान का हाथ में नकद रकम चाहिये या फिर बैंक या सोसायटी से कर्ज उठाने को वह मजबूर होता है। इसीलिए सरकार मनमाने समर्थन मूल्य तय करती है।जबलपुर, ०८ जून (ईएमएस)। ०६ जून २०१७ को मंदसौर में किसानों पर गोली चलाकर हत्याकांड कराने वाली शिवराज सरकार की किसान विरोधी नीतियों के विरूद्ध विगत १० जून २०१७ को ‘जय रेवाखंड’ के वसन्ती ध्वज तले २५०० किसानों ने प्रदेश में पहली गिरफ्तारियां जबलपुर में देकर अत्याचारी सरकार को खुली चुनौती दी थी।
उसके बाद पूरे वर्ष एक गांव से दूसरे गांव ‘रोटी और पानी’ भेजने का क्रम ‘जय रेवाखण्ड’ द्वारा चलाया गया, जिसमें अब तक किसान विद्रोह की रोटी और पानी एक गांव से दूसरे, दूसरे से तीसरे तक एक अंतहीन सिलसिला चलता रहा। पानी केन्द्र और म.प्र. की किसान विरोधी मोदी और शिवराज सरकारों को उखाड़ फेंकने के लिए और ‘रोटी’ जाति, सम्प्रदाय, धर्म से परे किसानों को एक सूत्र-एक परिवार में संजोने के लिए भेजी जा रही थी। जब तक स्वयं किसान के हाथ में केन्द्र और राज्य की सत्ता के सूत्र नहीं होंगे, तब तक किसान की स्थिति सुधारने की नीतियां नहीं बन सकेंगी। २०१८ में म.प्र. में और २०१९ में केन्द्र में किसकी सत्ता होगी, यह अब किसान त्रिवेदी तथा अध्यक्ष अधिवक्ता आशीष त्रिवेदी ने पत्रकारों से चर्चा करते हुए कहा कि देश में किसानों की दुर्दशा का पहला प्रमुख कारण है, खेती में लगने वाली लागत और श्रम का मूल्य तक उसे प्राप्त नहीं होता है। सरकार की दुरंगी नीति के कारण अनाज या सब्जी या फल का उत्पादन तो किसान करता है,
पर उसकी कीमत किसान नहीं सरकार तय करती है। एमएसपी अर्थात् न्यूनतम समर्थन मूल्य का सिद्धांत ही किसानों के साथ धोखा है, उनकी गरीबी और मजबूरी का फायदा उठाकर उसे लूटने की नीति है। सरकार जानती है कि एक फसल बोने के बाद दूसरी फसल बोने के लिए किसान का हाथ में नकद रकम चाहिये या फिर बैंक या सोसायटी से कर्ज उठाने को वह मजबूर होता है। इसीलिए सरकार मनमाने समर्थन मूल्य तय करती है। दूसरी ओर दूसरे राज्यों से व्यापारियों द्वारा म.प्र. में लाया गया अनाज प्रदेश के किसानों के फर्जी नामों से खरीदा जाकर उसे म.प्र. के अनाज उत्पादन के आंकडों में जोड़ कर प्रदेश में अनाज के रिकार्ड तोड़ उत्पादन के फर्जी आंकडे सरकार की शह पर भोपाल और जिलों के सरकारी अफसर तैयार करते हैं और इन फर्जी आंकड़ों की दम पर हर साल म.प्र. को ‘कृषि कर्मणा एवार्ड’ धोखा धडी द्वारा प्राप्त कराया जाता है। ‘जय रेवाखण्ड’ इस धोखा धड़ी की सीबीआइ द्वारा जांच की मांग करता है।
किसानों द्वारा आत्म हत्या, मंदसौर गोलीकाण्ड के हत्यारों का जांच -आयोग की रिपोर्ट न आने से जिनको लेकर ‘जय रेवाखंड’ द्वारा १० जून को अपरान्ह ४ बजे से ‘किसान विद्रोह महायात्रा’ का आयोजन कटंगी बायपास चौराहा से किया जा रहा है, जिसमें किसान पदयात्री, ट्रेक्टर व अन्य वाहन शामिल रहेंगे। वहां से यह ‘महायात्रा’ जबलपुर महानगर में प्रवेश करेगी।दमनात्मक रवैया……. आदर्श मुनि एवं आशीष त्रिवेदी ने बताया कि उन्हें प्रशासनिक सूत्रों से खबर मिली है कि म.प्र. सरकार ने भोपाल से ये आदेश दिये हैं कि किसी भी कीमत पर ‘महायात्रा’ निकालने अडिग है। सरकार जबलपुर में मंदसौर कांड को दोहराने की फिराक में है और हम परिणाम भुगतने तैयार है। पत्रवार्ता के दौरान सत्येन्द्र ज्योतिषी, ब्रजेश दुबे, असमि-अपूर्व त्रिवेदी, मनीष सोनी, एसएस ठाकुर, आशीष तिवारी, राजेश खरे आदि उपस्थित थे।