जिलाधिकारी ने किसान दिवस पर समस्यायें सुन अधिकारियों को दिये निर्देश

फतेहपुर। किसानों की समस्याओं के समाधान हेतु बुधवार को विकास भवन सभागार मे जिलाधिकारी कुमार प्रशान्त की अध्यक्षता में किसान दिवस का आयोजन किया गया। जिसमें मुख्य विकास अधिकारी सहित विभिन्न विभागों के अधिकारी किसान यूनियन के प्रतिनिधि एवं प्रगतिशील किसान उपस्थित हुए। इस अवसर पर किसानों की आय दो गुना करने व ग्रामीण कृषकों एवं महिलाओं को रोजगार दिलाए जाने के सम्बन्ध में जिलाधिकारी कुमार प्रशांत के निर्देश पर दलहन अनुसंधान निदेशालय कानपुर के वैज्ञानिक, नाबार्ड, एनआर एल एम कृषि,पशुपालन,उद्यान,मत्स्य,आदि विभागों के अधिकारियों ़द्वारा किसानों की आय में बृद्वि हेतु जानकारी उपलब्ध करायी गयी तथा प्रगतिशील कृषकों द्वारा अपने अनुभव किसानों को बताये गये। जिलाधिकारी ने कहा कि कृषि विविधीकरण अपनाये बिना आय में बृद्वि संभव नहीं है। शासन द्वारा किसानों के हित में विभिन्न विभागों में कई योजनाएॅं ंसंचालित की जा रही है,परन्तु जानकारी के अभाव में उसका लाभ किसानों को नहीं मिल पाता। कृषि,उद्यान,पशुपालन,मत्स्य,मनरेगा आदि विभाग की योजनाओं का लाभ लेकर किसान अपनी आय बढ़ा सकते है। रासायनिक खादों के निरन्तर प्रयोग से एक ओर जहाॅं मृदा का स्वास्थ्य गिर रहा है,वहीं उत्पादन में भी कमी आ रही है। किसान जैविक खेती अपनाकर अच्छा उत्पादन प्राप्त कर सकते हैं। कृषि विभाग द्वारा प्रत्येक राजस्व ग्राम में वर्मी कम्पोस्ट यूनिट का निर्माण कराया जा रहा है, जिस पर 75 प्रतिशत अनुदान अनुमन्य है। मनरेगा योजना से भी वर्मी कम्पोस्ट पिट का निर्माण कराया जा सकता है,जिससे उत्पादित जैविक खाद का खेती में प्रयोग कर अच्छा उत्पादन प्राप्त किया जा सकता है। उन्नत तकनीकी की जानकारी हेतु जनपद के किसानों को अन्य प्रदेशों में एक्सपोजर विजिट कराया जा रहा है। अगले वित्तीय वर्ष में दक्षिण भारत के प्रदेशों में एक्सपोजर विजिट की रणनीति बनाकर किसानों का विजिट कराया जाएगा। किसानों को उनके उत्पाद का अच्छा लाभ मिले,इसके लिए मार्केट लिंकेज का प्रयास कर समस्या का निदान किया जाएगा। उन्होनें कहा कि कृषि विविधीकरण के लिए आगे भी इस प्रकार का कार्यक्रम कराया जाएगा तथा उसमें केन्द्रीय औषधीय एवं सगंध पादप अनुसंधान संस्थान के वैज्ञानिकों की सहभागिता कराकर इस क्षेत्र में किसानों को जानकारी करायी जाएगी। उन्होनें सभी विभागों के अधिकारियों को निर्देशित करंते हुए कहा कि किसानों की समस्याओं को गंभीरता से लें और उनका त्वरित समाधान करें। दलहन अनुसंधान निदेशालय कानपुर के वरिष्ठ वैज्ञानिक डा0उम्मेद सिंह ने मटर आईडीएफडी 10-12 प्रजाति की विशेषताओं के बारे में बताया और कहा कि इसका दाना हरा होता है,इसकी खेती कर अच्छा लाभ प्राप्त किया जा सकता है। मसूर आईपीएल 220 के बारे में कहा कि इसमें आयरन व जिंक प्रचुर मात्रा में होता है। मूॅग आईपीएम 205-7 (विराट) 55 दिन की प्रजाति है। इसी प्रकार मिनी दाल मिल, चना की खेती के बारे में किसानों को जानकारी करायी। उनके मोबाइल नम्बर 8765860963 पर किसान भाई कभी भी जानकारी प्राप्त कर सकते हैं। जिला विकास प्रबन्धक नाबार्ड द्वारा एफपीओ,डेयरी प्रोसेसिंग फंड,2-10 पशुओं की मिनी डेयरी योजना,एग्री क्लीनिक एग्री बिजनेस योजना,स्वयं सहायता समूह आदि के विषय में जानकारी दी गयी। जिला कोआर्डिनेटर एनआरएलएम ने राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन के अंतर्गत स्वयॅ सहायता समूह के द्वारा गरीब परिवार की महिलायें अपनी आय बढ़ा सकती हैं, जिसके लिए सरकारी सहायता समय-समय पर दी जाती है। श्री राम सिंह ग्राम औंग ने प्याज व लहसुन की खेती के बारे में अपने अनुभव किसानों से साझा किये। श्री एस0पी0तिवारी ग्राम बिलंदा ने हल्दी की जैविक खेती के बारे में विस्तार से जानकारी करायी और कहा कि एक बीघा में 60 कुन्टल पैदावार कर रहे हैं। श्री अशोक तपस्वी ने कहा कि जनपद में हर दो हजार एकड़ पर एक हब का प्रोजेक्ट बनाकर किसानों के उत्पाद का क्रय किया जाएगा जिससे किसानों को इसके लिए भटकना नहीं पडे़गा। उन्होनें स्ट्रावेरी,किनवा आदि के बारे में भी अपने अनुभव किसानों को बताये। श्री मंगूराम ग्राम बकेवरबुजुर्ग ने मत्स्य पालन राहुल सिंह ने मशरूम, रमेश सिंह ने फूलों की खेती, अभिषेक सिंह ने गन्ना की खती के बारे में किसानों को जानकारी करायी। उप कृषि निदेशक जीसी कटियार ने बताया कि जायद में मूॅग के क्लस्टर प्रदर्शन की योजना है,मूॅग का रेट 7040 रू0 प्रति कुन्टल है,क्लस्टर प्रदर्शन में किसानों को पूरा मूल्य देकर कृषि निवेश क्रय करना होगा, तथा अनुदान की धनराशि डी0बी0टी0 के द्वारा किसान के खाते में स्थानान्तरित की जाएगी। कृषि यंत्रों के लक्ष्य एवं उन पर अनुमन्य अनुदान के बारे में विस्तार से जानकारी करायी गयी। स्प्रिंकलर सेट पर लघु एवं सीमान्त कृषकों को 90 प्रतिशत तथा सामान्य कृषकों को 80 प्रतिशत का अनुदान अनुमन्य है। वर्मी कम्पोस्ट पिट के निर्माण पर 6000 रू0 अनुदान अनुमन्य है। प्रत्येक राजस्व ग्राम में ग्राम पंचायत के आरक्षण के अनुसार उसी वर्ग के कृषक आन लाइन पंजीकरण कराकर पहले आओ पहले पाओ के आधार पर चयन होने पर पिट का निर्माण करा सकते हैं। फसल ऋण मोचन योजना की जानकारी देते हुए उन्होनें कहा कि सहकारिता की डिमांड जनरेट हो गयी है,एन0पी0ए0 खाते व्यवसायिक बैकों के बचे हुए हैं। किसान ऋण मोचन के सम्बन्ध में अपनी शिकायत आन लाइन दर्ज करा सकते हैं,इसकी अंतिम तिथि 10 मार्च 2018 है। किसान दिवस में सिंचाई,विद्युत,नलकूप आदि विभागों के अधिकारी उपस्थित रहे तथा भारतीय किसान यूनियन के जिलाध्यक्ष राजकुमार सिंह गौतम,अशोक कुमार उत्तम,सुरेश पटेल प्रगतिशील कृषकों में लोकनाथ पाण्डेय, बजरंग सिंह,मनीष तिवारी,जयदेव सिंह,सलीमउद्दीन आदि उपस्थित रहे।

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