नई दिल्ली। प्रशासन ने दिल्ली मेट्रो पर करोड़ों रुपये बकाये को वसूलने के लिए कमर कस ली है। दिल्ली मेट्रो का पीएनबी बैंक का अकाउंट सीज करा दिया। अब विभाग दूसरे खातों की तलाश कर रहा है। यदि फिर भी दिल्ली मेट्रो कारपोरेशन ने बकाया नहीं जमा किया तो वहां पर बनी दुकानों पर भी कार्रवाई की जाएगी। दिल्ली मेट्रो कारपोरेशन को बकाया का कई बार नोटिस दिया गया है। जब कोई कार्रवाई नहीं हुई तो बॉटेनिकल गार्डन मेट्रो स्टेशन पर अधिकारियों और कर्मचारियों ने ड्रम(ढोल) बजवाकर चेतावनी दी। दिल्ली मेट्रो ने जिला प्रशासन से बकाया जमा करने को लेकर कोई बात नहीं की। इसके बाद जिला प्रशासन की ओर से तहसीलदार पीएल मौर्य के नेतृत्व में दिल्ली स्थित पीएनबी बैंक के अकाउंट को सीज करा दिया गया है।
– क्या है मामला
अधिशासी अभियंता अजय कुमार ओझा का कहना है कि यदि इसके बाद भी दिल्ली मेट्रो की ओर से राशि जमा नहीं कराई जाती है तो जिला प्रशासन के अधिकारियों द्वारा बॉटेनिकल गार्डन पर बनी दुकानों को भी सीज कराया जाएगा। चूंकि उनके सीज होने से आम जनता पर कोई असर नहीं पडे़गा।
विद्युत विभाग के अधिकारियों का कहना है कि सितंबर 2009 में बिजली निगम की ओर से दिल्ली मेट्रो को बिजली दी गई थी। यह बिजली सब्सिडी पर दी थी और उसी समय से बिल जमा कराने के लिए विभाग के अधिकारी पत्र लिख रहे हैं। दिल्ली मेट्रो की ओर से केवल यूनिट का बिल जमा कराया जाता रहा है जबकि टैक्स को छोड़ दिया जाता था। यह रकम अब 9 करोड़ 70 लाख रु से अधिक हो गई है। मेट्रो की ओर से जब इसे जमा नहीं किया तो आरसी जारी करते हुए तहसील के लिए नोटिस दे दिया। जिला प्रशासन की ओर भी बिल जमा कराने के लिए कहा लेकिन मेट्रो ने कोई बात नहीं सुनी। इस पर विभाग के अधिकारियों ने बॉटेनिकल गार्डन पर डुगडुगी बजाकर चेतावनी दी।
इसके अलावा बिजली विभाग ने बॉटेनिकल गार्डन पर जांच पड़ताल की थी तो उसमें सब्सिडी बिजली से दुकानों को कनेक्शन दिए थे। जिसका 10 करोड़ 12 लाख रु पैनाल्टी बनाई गई थी। मगर मेट्रो की ओर से केवल 1 करोड़ 35 लाख रुपये जमा करके इतिश्री कर ली। जबकि बिजली विभाग की ओर से बाकी रकम को जमा करने के लिए कई बार पत्र लिखा जा चुका है। यदि मेट्रो की ओर से बकाया जमा नहीं किया तो इसकी भी रिकवरी नोटिस (आरसी) जारी कर दी जाएगी।