फतेहपुर : यूपी बोर्ड परीक्षा के पहले दिन तैयारियों में हल्की फुल्की बाधा आई लेकिन समय रहते उसे प्रशासन ने निपटा लिया। वहीं सुरक्षा कर्मियों के अभाव में सचल दस्ते देर से कूच कर पाए। बोर्ड परीक्षा के पहले दिन पंजीकृत 72,094 परीक्षार्थियों में 3000 ने परीक्षा छोड़ दी।
हाईस्कूल और इंटरमीडिएट के लिए जिले में 99 केंद्र बनाए गए हैं। मंगलवार को परीक्षा के पहले दिन परीक्षा की शुचिता के व्यापक बंदोबस्त के साथ पहले दिन की परीक्षा शांति पूर्वक ही निपटी। कहीं से परीक्षा में खिलवाड़ और अन्य दिक्कतें उभर कर सामने नहीं आईं। सुबह पहर हाईस्कूल में गृह विज्ञान और इंटर में ¨हदी प्रश्नपत्र की परीक्षा को लेकर परीक्षार्थियों का केंद्रों में पहुंचने का सिलसिला शुरू हो गया था। बालिकाएं अपने अभिभावकों के साथ पहुंची तो सुरक्षा दस्ते ने निर्धारित दूरी पर वाहन रुकवा दिए।
सुरक्षा दस्ते के जवानों ने पहुंचते ही दुकान न खोलने का अल्टीमेटम सुनाया तो दुकानदार घरों को लौट गए। डीआइओएस परीक्षा के जिम्मेदार बनाए गए अधिकारियों के साथ मोबाइल पर संपर्क साधे रहे। स्काउट भवन में खुले कंट्रोल रूम में हाजिर और गैरहाजिर परीक्षार्थियों की संख्या नोट कराई जाती रही। डीआइओएस महेंद्र प्रताप ¨सह ने बताया कि पूरे जिले में शुचिता पूर्ण परीक्षा हुई। जिले के 90 फीसदी केंद्रों में सचल दलों के अलावा सेक्टर एवं स्टेटिक मजिस्ट्रेट पहुंचे हैं। परीक्षा की शुचिता के साथ खिलवाड़ नहीं होने दिया जाएगा। नकल पकड़े जाने पर दोषी पर एफआइआर दर्ज कराकर जेल भेजा जाएगा।
इन समस्याओं से बोर्ड परीक्षा का हुआ साबका
– समय से फोर्स न मिलने खराब हुआ समय : सचल दल, सेक्टर मजिस्ट्रेट, स्टेटिक मजिस्ट्रेट को पुलिस विभाग द्वारा फोर्स मिलने की व्यवस्था थी। मंगलवार की सुबह साढ़े छह बजे समय से इन जिम्मेदारों की गाड़ियां पुलिस लाइन पहुंच गईं थी लेकिन समय से फोर्स नहीं मिल पाया। हाल यह रहा कि पुलिस बल के इंतजार में अधिकारियों के वाहन सुबह पौने नौ बजे तक खड़े रहे। डीआइओएस को एक पुलिस का सिपाही मिल पाया तो उसे लेकर ही रवाना हो गए। अधिकारियों को बताया गया कि इसबार फोर्स थानों से दिया गया था जिसके चलते देरी हो रही है।
– जीजीआइसी ¨बदकी में देरी से बंटा प्रश्नपत्र : सुबह साढ़े सात बजे की परीक्षा में ¨बदकी राजकीय बालिका इंटर कॉलेज में प्रश्नपत्र न बंट पाने की समस्या आई। प्रकाश व्यवस्था कमजोर होने और सोलर प्लांट के चार्ज न होने से सीसीटीवी नहीं चल पा रहे थे। जिसके चलते केंद्र व्यवस्थापक ने 15 मिनट देरी से परीक्षा शुरु कराई।
– 4 सेक्टर, 2 स्टेटिक और बीएसए का सचल दल पहली पॉली में नहीं निकला : बोर्ड परीक्षा की शुचिता के लिए जिले को 11 सेक्टर में बांटा गया था जिसमें पहले दिन 4 सेक्टर मजिस्ट्रेट के निकलने की रिपोर्ट नहीं रही। इसी तरह 18 संवेदनशील केंद्रों में भेजे गए 2 सेक्टर मजिस्ट्रेट केंद्र नहीं पहुंचे। बीएसए का सचल दल के सुबह पहर निकलने की रिपोर्ट कंट्रोल रूम में नहीं रही। इन जिम्मेदारों के न निकलने के पीछे तहसील दिवस, श्रम मंत्री का कार्यक्रम, कमिश्नर का आगमन आदि बताया जाता रहा।
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सचिव माध्यमिक शिक्षा परिषद ने भेजे यह नए आदेश
– माध्यमिक शिक्षा परिषद के सचिव ने परीक्षा की शुचिता के लिए बीती रात नए आदेश दिए हैं जिनके अमल के लिए डीआइओएस ने विभाग के व्हाट्स एप और लिखित जानकारी केंद्र व्यवस्थापकों को अमल के लिए भेजा है। सचिव ने आदेश दिया है कि विभाग ने मोबाइल एप चालू कर दिया है जिसमें अनुपस्थित परीक्षार्थियों का ब्योरा परीक्षा शुरू होने के एक घंटे के अंदर परिषद की वेबसाइट में लोड किया जाए। इसकी सूचना जिले के कंट्रोल रूम को तत्काल दी जाए। दूसरे ¨बदु में आदेश दिया है कि बंडल वाहकों को केंद्र व्यवस्थापक अधिकार पत्र के साथ भेजेंगे और फोटो वाले परिचय पत्र के साथ वाहक उत्तर पुस्तिकाओं का बंडल जमा करेगा। आवागमन के समय का अंकन अवश्य किया जाए। प्रत्येक सचल दल केंद्रों के निरीक्षण में पहुंचने की वीडियोग्राफी करके भेजेगा।
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पांच नामचीन शिक्षण संस्थानों पर रहेगी नजर
– बोर्ड परीक्षा के छितिज पर बीते साल शुमार हो चुके पांच नामचीन शिक्षण संस्थानों-केंद्रों में विशेष नजर रखने के निर्देश दिए गए हैं। इन केंद्रों के चयन के लिए मेधावी सूची से नाम छांटने का काम भी पूरा हो चुका है। जानकारों की मानें तो इस संस्थानों में सीधे डीएम का हस्तक्षेप रहेगा। प्रमुख विषयों पर अतिरिक्त अधिकारी नियुक्त किए जाएंगे।
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प्रबंधकों के आवास नहीं खाली करा पाया प्रशासन
– बोर्ड परीक्षा की शुचिता के लिए शासन ने पूर्व में ही आदेश दे दिया था कि प्रबंध समिति के सदस्य परीक्षा केंद्र के अंदर दखल नहीं देंगे ओर इन्हें 200 मीटर दूरी की लक्ष्मण रेखा से दूर रखने का आदेश दिया था। आदेश के क्रम में यह भी था कि जिन केंद्रों में प्रबंधकों के आवास हैं उन्हें खाली करना होगा। बोर्ड परीक्षा के पहले दिन इस आदेश का खुल्लम खुल्ला उल्लंघन दिखाई दिया। जिले में शहर से लेकर ग्रामीणांचल तक में आधा दर्जन प्रबंधक अपने आवासों में ही जमे रहे। आदेश के अनुपालन में इन्हें किसी अधिकारी ने टोका टाकी नहीं की। यह भी रहा कि प्रबंधकों के दखल दिए जाने की बात भी सामने नहीं आई।
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