वाशिंगटन । मध्य अमेरिका से एक महीने की लंबी यात्रा के बाद आश्रय मांगने वाले प्रवासियों का कारवां अमेरिका-मेक्सिको सीमा तक पहुंच गया है। कहा जा रहा है कि जब तक कि हर एक प्रवासी को वाशिंगटन में प्रवेश करने की अनुमति नहीं मिल जाती है, तब तक उन्हें आप्रवासन प्रसंस्करण केंद्र के बाहर रहने को कहा गया है। आयोजक एलेक्स मेन्सिंग, जिसने इस कारवां को इकट्ठा किया है, उसने बताया सभी प्रवासी मैक्सिको के टिजुआना में फ्रैंडशिप पार्क से चलकर रविवार को सान सिड्रो पहुंचे।
100 लोगों के प्रवासियों के कारवां में कुछ लोगों के लिए ये अंतिम यात्रा थी। आयोजक मेन्सिंग ने कहा कि प्रवासियों के रातोंरात आश्रय में वापस ना लौटने का निर्णय उन सबकी एकजुटता को दर्शा रहा था। हालांकि, प्रवासियों का भाग्य अनिश्चित होता है। बताया जाता है कि रविवार को इनका कारवां वहां पहुंचने से पहले, अमेरिकी सीमा शुल्क और सीमा सुरक्षा अधिकारियों ने कहा कि बंदरगाह पहले से ही पूरी क्षमता तक लोगों से भर चुका है।
कुछ प्रवासियों में से एक व्हीलचेयर पर बैठी एक महिला ने सीएनएन को बताया कि उसे नहीं पता था कि वह कहाँ जा रही थी, बस वह अमेरिका जा रही थी इतना उसे पता था। मेन्सिंग ने बताया कि यह कारवां मानवतावादी मिशन है, क्योंकि आयोजकों ने इस कार्यक्रम को प्रवासियों की दुर्दशा पर अधिक ध्यान आकर्षित करने के लिए बनाया है।
आपको बता दें कि पिछले हफ्ते, राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने मैक्सिको को कारवां को खत्म करने के लिए प्रोत्साहित किया था और कहा था कि वह अपने देश में प्रवासियों को स्वीकार नहीं करेगा। जानकारी के मुताबिक, किसी देश के बंदरगाह पर आकर देश में प्रवेश करना और शरण मांगना गैरकानूनी नहीं है, क्योंकि अंतरराष्ट्रीय कानून ये कहता है कि अमेरिका आश्रय के दावों पर विचार करे। प्रवासियों का कहना है कि वे सीमा पर किसी तरह की अशांति नहीं फैला रहे थे, लेकिन वे शांति से अपने लिए शरण मांगने के लिए आए थे।