नई दिल्ली। आज़ाद हिन्द फौज के संस्थापक और स्वतंत्रता सेनानी नेताजी सुभाष चंद्र बोस की बेटी अनिता बोस ने अपने पिता के अवशेषों को जापान से भारत लाया जाने की मांग की है।
फिलहाल जर्मनी में रह रहीं अर्थशास्त्री अनिता ने रविवार को कहा, ‘मुझे उम्मीद है कि हम इस मुद्दे पर करीब आए हैं और हम उनके अवशेषों को वापस ला पाएंगे। मुझे उम्मीद है कि हम ये सब बिना विवाद उत्पन्न किए ही करेंगे। क्योंकि अगर यह हुआ तो यह सबसे खराब चीज होगी, जो हम नेताजी की यादों के साथ करेंगे।’
अनिता लंदन में प्रसिद्ध भारतीय विदेशी संवाददाता आशीष रे की किताब ‘लैड टू रेस्ट : द कंट्रोवर्सी ओवर सुभाष चंद्र बोस डेथ’ के विमोचन के मौके पर बोल रही थीं। हालांकि, कई लोग 1945 में ताइपे में एक विमान दुर्घटना में नेताजी के मारे जाने की बात पर यकीन नहीं करते।
उधर, आशीष की किताब इस घटना की जांच के बारे में बताती है, जिसमें 11 अन्य रिपोर्टों और कई प्रत्यक्षदर्शियों के निर्णायक सबूत का हवाला दिया गया है, जिससे पता चलता है कि दुर्घटना के बाद बोस की तत्काल मृत्यु हो गई थी। उनके अवशेषों को अब जापान के एक मंदिर में रखा गया है।
अनिता ने कहा कि वह इस बात को समझती हैं कि क्यों रिश्तेदार और उनके प्रशंसक इस घटना को स्वीकार करने से कतराते हैं। उन्होंने साथ ही कहा कि उस समय अंतरराष्ट्रीय स्तर पर संचार की कठिनाइयों का मतलब था कि कोई भी तत्काल तथ्यों से अवगत नहीं हो सकता था। उन्होंने कहा, ‘लोग रहस्यों को पसंद करते हैं और मेरे पिता एक रोमांटिक और ट्रैजिक हीरो थे और इसलिए यह आश्चर्यजनक नहीं है।’