रायबरेली। ज़िला अस्पताल में स्थित मर्चुरी में रखी हुई तीन लाश का ना तो अभी तक पोस्टमार्टम हुआ ना ही उनके रखरखाव में कोई भी सुविधा बरती गई लाशों को देखकर मानवता भी हो गई शर्मसार लाशों की यह इस्थति है। कि किसी भी वक्त फट सकते हैं। आस पास से गुजरने वाले लोगों को अपने मुंह में बिना कपड़ा बांधे हुए नहीं निकल सकते वही सीएमओ साहब से बात करने पर उन्होंने बताया लावारिस लाशों को 72 घंटे रखने के उपरांत ही किया जाता है पोस्टमार्टम किंतु CMS साहब से पूछने पर पता लगा यदि पुलिस द्वारा लावारिस लाशें लाई जाती रखरखाव में पुलिस की जिम्मेदारी होती है यदि हमारे अस्पताल की होती है तो इनके रखरखाव की जिम्मेदारी हमारी होती है वहीं पर कुछ दिन पहले हमारे जिलाधिकारी महोदय के फालोवर की अचानक मृत्यु के बाद उसको रखने के लिए रात में ही फ्रीजर को तैयार कर दिया गया। उसके बाद से फ्रीज़र खराब होने की बात कही जा रही है। और आज तक फ्रीजर को नहीं बनाया गया न ही किसी भी बॉडी को बर्फ पर रखा गया।क्या आम आदमी की मौत के बाद उसकी लाश को सड़ने के लिए छोड़ देना उचित है लावारिस और बेसहारा लोगों की ज़िंदगी तो कष्ट दाई होती ही है और मरने के बाद भी ज़िम्मेदार अधिकारीयों के गैरज़िम्मेदाराना होने की वजह से उनकी लाशों को भी सड़ना पड़ता है।