नई दिल्ली: गांव की गलियों से शुरू हुआ इश्क और फिर छिप-छिपकर दोनों का मिलना। एक-दूसरे के हाथों मे हाथ डालकर घंटों प्यार भरी बातें और साथ जीने-मरने की कसमें। उन दोनों ने वादा तो साथ चलने का किया था, लेकिन जब बाली उम्र का उनका प्यार अपनी मंजिल ना पा सका, तो उर्मिला मौर्या और ओमशंकर द्विवेदी ने एक दूसरे को भुलाते हुए अलग-अलग शादी कर अपनी राहें बदल लीं। लेकिन शायद दोनों की किस्मत में दोबारा मिलना लिखा था। कुछ वक्त बाद ही उर्मिला की शादी टूट जाती है और वो अपने मायके आकर रहने लगती है। यहां एक बार फिर उसकी मुलाकात ओमशंकर से होती है और दोनों का 15 साल पुराना प्यार फिर से जवां हो उठता है।
उत्तर प्रदेश में अमेठी के संग्रामपुर इलाके में ओमशंकर की दुकान उर्मिला के घर के ठीक सामने थी। उर्मिला अक्सर बहाने से उसकी दुकान पर जाती और दोनों के बीच घंटों बातें होती। गांववालों की नजरों से छिपकर दोनों की मुलाकात का ये सिलसिला चल ही रहा था कि 26 जून को अचानक उर्मिला गायब हो जाती है। काफी खोजने के बाद भी जब उर्मिला कहीं नहीं मिलती तो उसका भाई ज्ञानेंद्र मौर्या पुलिस में शिकायत दर्ज कराते हुए अपनी बहन को खोजने की गुहार लगाता है। ज्ञानेंद्र बताता है कि 34 वर्षीय उर्मिला सुबह करीब 10 बजे घर से गोरखापुर बैंक जाने के लिए निकली थी, लेकिन अभी तक लौटकर नहीं आई है। 12 बजे के बाद से उसका मोबाइल भी स्विच ऑफ आ रहा है।
ज्ञानेंद्र की शिकायत के आधार पर पुलिस मामला दर्ज करते हुए उर्मिला की तलाश में जुट जाती है। मुखबिरों को एक्टिव किया जाता है और आसपास के थानों में भी उर्मिला की तस्वीर भेज दी जाती है। इस बीच अगले दिन खबर मिलती है कि छाछा गांव के पास एक महिला की लाश मिली है। मौके पर पहुंचकर पुलिस छानबीन करती है तो पता चलता है कि वो लाश उर्मिला की ही है। उर्मिला को सिर से सटाकर गोली मारी गई थी। इलाके में हड़कंप मच जाता है। आखिर कौन था जिसने इतनी बेरहमी के साथ उर्मिला की जान ली? और उसकी हत्या के पीछे क्या वजह थी?
मामले की तहकीकात में जुटी पुलिस को अपने मुखबिरों से पता चलता है कि उर्मिला के प्रेम संबंध कुछ साल पहले गांव के ही ओमशंकर से थे। पुलिस शक के आधार पर ओमशंकर को पूछताछ के लिए बुलाने के मकसद से उसके घर पहुंचती है, लेकिन वो वहां नहीं मिलता। इस बीच खबर मिलती है कि ओमशंकर को मेला बगिया चौराहे के पास देखा गया है। तुरंत पुलिस की टीम मौके पर पहुंचती है तो खाकी वर्दी वालों को देखते ही ओमशंकर भागने लगता है। पुलिस घेरकर उसे पकड़ लेती है और जब थाने लाकर उससे पूछताछ होती है तो एक रोंगटे खड़े कर देने वाली कहानी सामने आती है।
उर्मिला का कातिल कोई और नहीं, बल्कि उसका ये पूर्व प्रेमी ओमशंकर ही निकलता है। पुलिस पूछताछ में ओमशंकर बताता है कि करीब 15 साल से उन दोनों का प्रेम प्रसंग चल रहा था। हालांकि, कुछ साल पहले उर्मिला और उसकी अलग-अलग शादी हो गई थी। जब अपने पति से उसकी नहीं बनी, तो उर्मिला ससुराल से वापस मायके आकर रहने लगी। उर्मिला के घर के सामने ही ओमशंकर की दुकान है और अक्सर सामान लेने के बहाने वो वहां आकर उससे मिलती थी। मुलाकात का सिलसिला बढ़ा तो दोनों के बीच फोन पर भी लंबी बातें होने लगीं। इस बीच उर्मिला ने ओमशंकर के ऊपर दबाव बनाना शुरू किया कि वो उससे शादी करे। उर्मिला ने धमकी दी कि अगर ओमशंकर ने उससे शादी नहीं की, तो वो पूरे गांव के सामने सबकुछ बताकर उसकी पोल खोल देगी।
ओमशंकर ने उर्मिला से बताया कि वो अब शादीशुदा है और उसके दो बच्चे भी हैं, लेकिन जब उर्मिला नहीं मानी तो उसने उसे रास्ते से हटाने का प्लान बना लिया। 26 जून को मिलने के बहाने बुलाकर ओमशंकर ने उर्मिला को अपनी बाइक पर बिठाया और छाछा गांव के सुनसान जंगलों की तरफ ले गया। यहां पानी पीने के लिए उसने बाइक रोकी और जब उर्मिला इधर-उधर देख रही थी, तो तमंचा निकालकर उसके सिर से सटाकर गोली मार दी। इसके बाद ओमशंकर वापस अपने घर लौटा और तमंचे को भूसे के ढेर में छिपा दिया। उसने उर्मिला के मोबाइल भी जला डाला। हालांकि, उसकी साजिश का पर्दाफाश हो गया और पुलिस ने उसे उर्मिला की हत्या के आरोप में गिरफ्तार कर जेल भेज दिया।