सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र नरैनी में नहीं थम रहा कमीशन बाजी का खेल -सरकारी डॉक्टर लिख रहे हैं बाहरी महँगी दवाओं की पर्ची

 

न्यूज़ वाणी ब्यूरो मुन्ना बक्श बाँदा। जिले के नरैनी सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र विगत कई महीनों से अखबारों की सुर्खियों में छाया हुआ है। कई बार समाजसेवियों द्वारा शिकायत भी मुख्य चिकित्सा अधिकारी को भेजी गयी सोशल मीडिया में डाला गया किन्तु भगवान का दूसरा रूप कहे जाने वाले डॉक्टर्स ने तो अपने कार्य को पैसा कमाने का व्यवसाय बना लिया सरकार द्वारा दिए गए वेतन से उनका पेट नहीं भरता इसीलिए तो सरकारी अस्पताल में आने वाले मरीज तो डॉक्टर्स के लिए एटीएम कार्ड है जितना मन चाहे पैसा निकाल लो छोटी छोटी फुड़िया फुंसी की ही दवा क्यों ना हो नरैनी के सरकारी डॉक्टर्स बिना 1000 रूपए से कम की तो दवाएं लिखते ही नहीं जब भी आवाज उठाओ तो उनका कहना है अस्पताल में दवाएं ही नहीं है ऊपर से कहना है हमें आपका इलाज ही नहीं करना है यदि कोई कहे की मै उच्च अधिकारी को शिकायत करूंगा तो डॉक्टर्स द्वारा कहा जाता है की जो दिखाई पड़े कर लो हमारा बाल भी बांका नहीं कर सकते। अब आप समझ सकते हैं कि जब इतनी ही महँगी दवाएं मिलनी है मरीज को तो सरकारी अस्पताल किस बात का जहां कहा जाता है यहां निःशुल्क दवा मिलती है।

तमाम लोग तो यह मानकर सरकारी अस्पताल आते हैं कि सरकारी अस्पताल में पैसे नहीं लगेंगे तो वहीं इलाज करा लेंगे किन्तु जब अस्पताल आकर ऐसे धन के लोभी डॉक्टर्स से सामना होता है तो मन मारकर कई तो दवा का भाव सुनने के बाद बिना इलाज कराये ही चले जाते हैं। आज राकेश कुमार सरकारी अस्पताल में इलाज कराने पहुंचे तो उनसे बिना पूछे बाहर की दवा लिख दी गयी सोशल मीडिया में एक बार फिर वीडिओ वायरल हो गया देखना है क्या उच्च अधिकारी द्वारा संज्ञान लिया जाएगा या नहीं हालांकि नरैनी अस्पताल का वीडिओ वायरल होना नया नहीं है। उप मुख्यमंत्री बृजेश पाठक को भी टैग कर कई बार वीडिओ वायरल हुआ लेकिन कोई कार्यवाही नहीं हुई। ऐसे डॉक्टर्स और अधिकारी सरकार की छवि को धूमिल कर रहे हैं। ऐसे में खुफिया एजेंसी के कर्मचारी कुंभकर्णी नींद से जागकर सरकारी डाक्टरो की तबीयत ठीक कर सकते हैं।

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