नाव से आकर दूल्हे ने रचाई शादी, मगर दुल्हन बगैर लौटी बारात; बाढ़ के कारण नहीं हुई बिदाई

 

बिहार  – गोपालगंज जिले के माझागढ़ थाना क्षेत्र के निमुइया पंचायत के भृगुन राउत टोला गांव का यह पूरा दृश्य  है। यहां दो दिन पूर्व से गंडक नदी में आई बाढ़ के पानी से निमुइया पंचायत पूर्ण रूप से प्रभावित हो चुका है। ऐसे में, इस गांव के विकास यादव सजधज कर दूल्हा बने तो दो किलोमीटर की दूरी तय करने के लिए नाव की सवारी करनी पड़ी। यह सब भी किसी तरह हो गया, लेकिन दूल्हे को शादी के बाद दुल्हन का साथ नहीं मिला।

बाढ़ के कारण नाव से जाने को मजबूर हुए दूल्हे के साथ एक से एक घटनाएं होती गईं। नाव से उतरते के लिए तैयार हुए तो कैमरा देखते ही शरमा गए और अपने चेहरे को छिपा तेजी से भागकर कार में छिप गए। शायद दूल्हे विकास यादव को ये भी अंदाजा नहीं होगा कि बारात लेकर शादी रचाने जाने के समय बाढ़ के प्रभाव से घिर जाएंगे। उनकी शादी पूर्वी चंपारण के मलाही गांव के सत्येंद्र यादव की पुत्री से होनी थी। सो, शादी के लिए निकलते समय नाव की सवारी करनी पड़ी।

निमुइया पंचायत के सरपंच और दूल्हे राजा के दादा चंद्रिका यादव ने बताया कि दूल्हा विकास की शादी थी। इनकी बारात लेकर पूर्वी चंपारण के मलाही गांव जाते समय नाव का सहारा लेना पड़ा। मलाही गांव के सत्येंद्र यादव के पुत्री के साथ शादी पहले से तय थी। जाना सड़क मार्ग से था, लेकिन अचानक बाढ़ का पानी आ जाने के कारण घर भीरगुन राउत टोला से गौसिया तक नाव की सवारी करनी पड़ी। नाव छोड़कर दूसरा कोई साधन नहीं बचा था। शादी के बाद जैसे ही दुल्हन को दूल्हे के यहां तक पहुंचने का पूरा वाकया पता चला तो दृश्य बदल गया। लड़की वालों ने कहा कि ससुराल का गांव बाढ़ से घिरा हुआ है तो दुल्हन की तत्काल विदाई नहीं होगी। फिर दोनों पक्षों ने आपस में यह तय किया की लड़की की विदाई कुछ दिन बाद की जाएगी। अब बाढ़ के कारण दूल्हे राजा विकास को बिन दुल्हन वापस आना पड़ा।

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