नई दिल्ली: 15 साल की शादी, दो प्यारी सी बेटियां और जान से भी ज्यादा प्यार करने वाला पति। लाखों का पीतल का कारोबार, आलीशान मकान और हंसता खेलता परिवार। क्या नहीं था तनु चौधरी के पास। लेकिन उसकी हवस ने पूरे परिवार को तहस-नहस कर दिया। मुरादाबाद में पीतल का कारोबार करने वाले अनिल चौधरी अपनी दो बेटियों और पत्नी तनु के साथ खुश थे। लेकिन तनु को बेटे की ख्वाहिश थी। इसी ख्वाहिश में उसकी मुलाकात करीब एक साल पहले कन्हैया से हुई। कन्हैया खुद को बालाजी का भक्त बताता था और इसी मोहल्ले में आमोद के घर में रहकर हर शनिवार को दरबार लगाता था। धीरे-धीरे कन्हैया और तनु के बीच नजदीकी बढ़ने लगी। अक्सर कारोबार के सिलसिले में जब अनिल बाहर जाता तो तनु कन्हैया को अपने घर बुला लेती। किसी को उसके ऊपर शक ना हो, इसलिए वो कन्हैया को भाई कहकर बुलाती थी। एक दिन कन्हैया ने कहा कि वो राजस्थान जा रहा है। तनु ने अनिल को बताया और पूजा-पाठ के बहाने से दोनों बेटियों को लेकर उसके साथ चली गई।
राजस्थान में कन्हैया और तनु एक ही कमरे में रुके, जबकि दोनों बेटियों को उसने अलग कमरे में सुलाया। यहां दोनों ने एक साथ रील भी बनाई। ये रील वायरल होते हुए अनिल तक भी पहुंची और उसे दोनों के रिश्ते पर शक हो गया। उसने तनु का कन्हैया से मिलना जुलना बंद करा दिया। अब दोनों एक दूसरे से मिलने के लिए तड़पने लगे और इसी तड़प में कन्हैया ने तनु को उसके पति की हत्या के लिए तैयार कर लिया। आमोद और मोहित दोनों कन्हैया के भक्त थे। जब कन्हैया ने उनसे अनिल की हत्या करने को कहा, तो दोनों मान गए। हत्या के लिए शनिवार की रात का वक्त चुना गया। उधर, तनु ने खाने में नशीली दवाई मिलाई और अनिल को वो खाना खिला दिया।
रात में कन्हैया, मोहित और आमोद ने शराब पी। इसके बाद करीब 1 बजे कन्हैया ने दोनों को बाइक से अनिल के घर के बाहर छोड़ दिया। घर का दरवाजा अंदर से खुला था। दोनों दबे पांव घर में दाखिल हुए और अनिल के बेडरूम तक पहुंचे। यहां तनु पहले से तैयार थी। उसने मोबाइल की फ्लैश लाइट जलाई और दोनों से कहा- मार दो मेरे पति को। दोनों ने चाकू से अनिल के ऊपर ताबड़तोड़ वार किए। हालांकि, चीख सुनकर अनिल की बेटी मान्वी जाग गई और उसने उन दोनों से अपने पापा को बचाने की कोशिश की। इसी हाथापाई में चाकू आमोद के हाथ पर लगा और उसकी नस कट गई। अनिल की हत्या करने के बाद दोनों वहां से भागे और बाहर खड़े कन्हैया की बाइक पर बैठकर फरार हो गए।
आमोद का खून ज्यादा बहने से रास्ते में वो बेहोश हो गया और बाइक से गिर गया। दोनों उसे वहीं छोड़कर मौके से भाग गए। कुछ देर बाद आमोद ने दम तोड़ दिया। अनिल के घर में बेडरूम से लेकर मेन गेट तक जो खून के निशान थे, वो आमोद के ही थे। तनु और कन्हैया की साजिश थी कि अनिल की हत्या को लूटमार की तरह दिखाया जाएगा और इसके बाद दोनों मिलकर उसकी करोड़ों की प्रॉपर्टी पर ऐश करेंगे। हालांकि, अनिल की बेटी की वजह से दोनों की साजिश का पर्दाफाश हो गया। पुलिस ने इस मामले में कन्हैया और तनु को गिरफ्तार कर लिया है, जबकि मोहित फरार बताया जा रहा है। आसपास के लोग हैरान हैं कि दो बच्चों की मां अपनी हवस में इस कदर अंधी हो गई कि उसने अपने ही हंसते खेलते परिवार को उजाड़ दिया।